Thursday, September 11, 2025

मधु आचार्य की पचासवीं कृति ‘तन रेतीला सीला-सा मन’ का हुआ विमोचन

बीकानेर। वरिष्ठ नाटककार और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष डॉ.अर्जुनदेव चारण ने कहा है मरुप्रदेश के व्यक्ति का रेत चारित्रिक विशेषता है। यहां का...

लय : अनिरुद्ध उमट की कविताओं को सिरेमिक में उकेरा है निर्मला शर्मा ने;...

इंडो-फ्रांस कल्चरल सेंटर' (आलियांज फ्रांसिस) द्वारा भोपाल में 28 अगस्त को कविता और सिरेमिक की प्रदर्शनी 'लय' आयोजित की जा रही है जिसमें बीकानेर...

आह को चाहिए इक उम्र असर ‘होने तक’ कौन जीता है तेरी जुल्फ के...

ग़ालिब का ये शेर क्या यूँ ही है या कुछ ग़फ़लत है? उनके जीते जी जो दीवान छपा उसमें यह शब्द 'होने' तक नहीं...

ख़ुदा के वास्ते पर्दा न काबे से उठा ज़ालिम/कहीं ऐसा न हो यां भी...

यह शेर ग़ालिब का नहीं अन्तिम मुगल सम्राट बहादुर शाह 'जफ़र' का है और पहला मिस्रा यूँ है,'ख़ुदा के वास्ते जाहिद उठा पर्दा न...

अनुवादक व शिविरा-नया शिक्षक पत्रिकाओं के सहायक जेठमल नाई का निधन

बीकानेर। गुजराती, हिंंदी व राजस्थानी के अनुवादक जेठमल नाई का शुक्रवार दोपहर निधन हो गया। तीनों ही भाषा में उनके द्वारा अनुवादित रचनाओं की...

मौजूदा राजनीति को छुट्टा नहीं छोड़ा जा सकता इसलिए गांधी विचार अब मुखर और...

जब राजनीति ने भय और आतंक का माहौल पैदा कर दिया है तब यह ज़रूरी है कि यह अहिंसक विचार पूरी ताकत के साथ...

अबोधता में संभव प्रेम की कुछ परिपक्व अभिव्यक्तियां

पुस्तक समीक्षा : हिंदी की प्रेम कहानियां कुछ शब्द अपने विस्तार के कारण इतने गूढ़ हो जाते हैं कि उनकी सरलता भी छलावा-सा प्रतीत होती है।...

कभी कभार : लोकतंत्र हमें राजनीतिक बना रहा है, विचारशील नहीं

हमारा लोकतंत्र एक गतिशील पर विचारशून्य व्यवस्था में तेज़ी से बदल रहा है इन दिनों ज़रूरतों और उनको पूरा करने के तरीकों और साधनों पर...

कभी-कभार : अशोक वाजपेयी

कविता भाषा, स्मृति और प्रकृति को बचाने की स्वाभाविक विधा है कविता कई अर्थों में बचाने की कार्रवाई होती है. वह सच्चाई की कठोर ज़मीन...

जाने-माने पत्रकार राजकिशोर नहीं रहे

 राजकिशोरजी नहीं रहे। हिंदी पत्रकारिता में विचार की जगह आज और छीज गई। कुछ रोज़ पहले ही उन्होंने अपना प्रतिभावान इकलौता बेटा खोया था।पिछले...