बॉय इनविटेशन – लक्ष्मण राघव
संघ में आस्था रखने वाला एक प्रौढ़ जोधपुर से लगातार विधायक की टिकट मांग रहा था लेकिन बात बन नहीं रही थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में विधायक के बजाय सांसद का टिकट मिला और इस तरह गजेन्द्र सिंह शेखावत मोदी लहर पर सवार होकर संसद पहुँच गए। लगातर बेहतर काम करते रहे और मोदी भी इस राजपूत नेता के काम के मुरीद हो गए। प्रदेश नेतृत्व के विरोध के बाद भी केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मिले मौके को खुद को साबित करने के अवसर के रूप में लिया। सामान्य राजपूत इस नेता में भविष्य के नेता की झलक देख रहा है। प्रदेश में दौरों के दौरान दो बार की मुख्यमंत्री रही राजे के समर्थकों ने भी अब मजबूरी में ही सही इन्हें गम्भीरता से लेना शुरू कर दिया है।
बीकानेर में भी केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का दौरा कई मायनों में चर्चा में रहा। आत्मविश्वासी नेता की तरह फीडबैक लिया। अमित शाह स्टाइल में मीडिया से मुखातिब हुए। तीखे सवाल तो आजकल मीडिया करता ही कहां है लेकिन सीधे सवालों पर जानकारी निकालने के बजाय चासनी से लिपटे रूखेपन के साथ टाल गए। टिकटार्थियों से मिलने का अंदाज भी प्रभावी दिखा। नारे लगाने वालों को नसीहत दे डाली तो भीतर जब गर्मागर्मी बढ़ी तो मोर्चा संभाल कर शांत करवाया। इस दौरान कार्यकर्ता शेखावत के वर्किंग स्टाइल की चर्चा करते दिखे। यहां तक एक बुजुर्ग से कार्यकर्ता ने तो गजेन्द्र सिंह शेखावत की तुलना भैरों सिंह शेखावत से करते हुए कह दिया कि ओ तो बाबोसा री तरैया पुचकारे भी है और फटकारे भी। शायद ये ही वजह रही कि राजपूत नेता देवीसिंह भाटी जिन्होंने खुलकर विरोध किया था उनके प्रति बड़ा दिल दिखाया। बीकानेर से करीब 50 किलोमीटर दूर फार्म हॉउस पर मिलने पहुँच गए और कहा कि अनुभवी नेताओं का साथ भाजपा की मजबूती के लिए जरूरी है। देवी सिंह भाटी ने भी शेखावत को पूरा मान दिया। वही बीकानेर दौरे के दौरान शेखावत धुर विरोधियों से भी अलग-अलग मिलते रहे मानो वे उन्हीं के साथ है।
जब thenews.mobilogicx.com ने कुछ युवा राजपूत नेताओं से इस बाबत पूछा कि क्या गजेन्द्र शेखावत में भैरोसिंह शेखावत जी जैसे गुण नजर आते हैं तो अधिकतर युवा नेता मुस्कुराते हुए हां तो भर रहे थे लेकिन टिकट की दावेदारी के चलते नाम कोट नहीं करने की बात भी कह गए।
गज्जू बना से गजेन्द्र सिंह शेखावत का सफर…
90 के दशक में जोधपुर विवि से छात्र संघ अध्यक्ष बने गज्जू बना शुरू से ही दो संगठनों से जुड़े थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ वे क्षत्रिय युवक संघ के भी प्रिय हो गए। उनके पिता क्षत्रिय युवक संघ के पदाधिकारी रहे थे।
1998 में उन्होंने अशोक गहलोत के सामने भाजपा का टिकट मांगा लेकिन तब भैरोंसिंह शेखावत ने अगली बार का भरोसा दिला दिया। बात बनी नहीं। इधर गजेन्द्र शेखावत सीमा जन कल्याण समिति में भी गम्भीरता से काम करते जा रहे थे। सीमा पर एक तरह से उनका नेटवर्क तैयार हो गया। ऐसा नहीं है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत को रोकने की कोशिश पहली बार प्रदेशाध्यक्ष के लिए नाम चलने के दौरान ही हुई हो। इससे पहले गजेन्द्र सिंह शेखावत को भाजपा का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भी बनने देना भी उनके कुछ विरोधियों को नहीं भा रहा था। यहां तक उनके निवास के पते का दो तीन बार वेरिफिकेशन करवाया गया लेकिन आखिरकार वे तब कामयाब रहे और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बन गए।
हालांकि इस बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का ताज तो उनके सर नहीं सजा लेकिन ये जता दिया कि दिल्ली में उनकी धमक कम नहीं है। चुनाव प्रबंधन समिति का शेखावत को संयोजक बनाया गया तो मुख्यमंत्री को सहसंयोजक। शेखावत का नाम तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर तय हो गया था लेकिन कुछ राजपूत नेताओं के साथ ऐनवक्त पर राजे के वीटो ने खेल बिगाड़ दिया लेकिन लगता है गजेन्द्र सिंह शेखावत भाजपा में स्प्रिंट नहीं मैराथन के लिए तैयारी कर रहे है।
हालांकि अब भी कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें स्वीकार नहीं पा रहे तो कुछ साथी नेता जो शेखावत को पसन्द भी करते हैं लेकिन वे टिकट मंथन बैठकों में खुल कर बोल नहीं पा रहे हैं ऐसेे में संघ की पसंदीदा सीटें हो या फिर कुछ और विधानसभा क्षेत्र गजेंद्र शेखावत अकेले ही लड़ाई लड़ रहे हैं। मसलन अर्जुन मेघवाल और गजेंद्रशेखावत के बीच रिश्तेेेे बेहतर बताए जाते लेकिन मेघवाल भी मौकों पर चुप्पी साध जाते है। देखना दिलचस्प होगा कि कि क्या मारवाड़ का युवा राजपूूूत तुर्क राजस्थान में शेखावाटी के शेखावत की तरह अपने आप को स्थापित करने में कामयाब हो पाएगा।
गजेन्द्र सिंह शेखावत अच्छे वक्ता और अच्छी राजनीतिक समझ रखने वाले राजपूत नेताओं में से एक हैं। जितना मौका पार्टी ने दिया है उन्होंने अपने आपको एक लीडर के तौर पर सिद्ध भी किया है। वे केवल राजपूत समाज के नेता नहीं है किसानों के लिए भी उनका काम की देशभर में सराहना हो रही है।
जालम सिंह भाटी
पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा
एक संजीदा छात्रनेता के रूप में सार्वजनिक जीवन में पहचान स्थापित करते हुए सीमा क्षेत्र में जन जुड़ाव करते हुए एक एक्टिविस्ट के रूप में और बाद में देश की सबसे बड़ी पंचायत में रेगिस्तानी इलाके के प्रतिनिधि के रूप में गजेन्द्रसिंह जी एक अलग छाप छोड़ते हैं। लोकसभा में मुद्दों की समझ, गहन अध्ययन और बेहतरीन प्रस्तुतिकरण के दम पर अपनी योग्यता से मंत्रिमंडल में स्थान प्राप्त किया है।
सुरेन्द्र सिंह शेखावत
भाजपा युवा नेता, बीकानेर
सम्पर्क – khabar the news- 9828267899














