पवन भोजक / thenews.mobilogicx.com
सफलता को लक्ष्य मानकर हर हथकंडे से मुकाबले को तैयार बीकानेर लोकसभा प्रत्याशी अर्जुन मेघवाल ने लगातार हो रही खिलाफत के बावजूद अपना वर्चस्व कायम रखा है। पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी का विरोध और अपनी ही पार्टी की गुटबाजी के शिकार अर्जुन मेघवाल ने अपना फोकस चुनाव जीतने पर कर रखा है। हालांकि विधानसभा में भाजपा को राजस्थान में हार का मुंह देखना पड़ा वहीं बीकानेर में समीकरण बराबर का नजर आया। विधानसभा चुनावों में तीन सीट कांग्रेस को, तीन सीट भाजपा को तथा एक सीट माकपा को मिली थी। अब यही समीकरण अर्जुन के लिए चुनौती बने हुए हैं। कुल मिलाकर बीकानेर सीट के लिए यह मुकाबला जबरदस्त रोमांचक बना हुआ है।
सक्रियता से सफलता…
लोकसभा चुनावों में टिकट की दावेदारी में पहले से ही आश्वस्त अर्जुन मेघवाल ने प्रचार-प्रसार की तैयारियां भी जल्द ही शुरू कर दी थी। लगातार सक्रियता और प्रचार-प्रसार में पूरी तरह से जुटे अर्जुन मेघवाल ने नवरात्रा में जहां कन्याओं के पैर धोकर पूजन किए वहीं, बाबा रामदेव, करणी माता मंदिर-डेरों में धोक लगाकर जीत का आशीर्वाद मांग रहे हैं। गांव-ढाणी पहुंच कर जनसम्पर्क, गायों को चारा खिला रहे हैं तथा बड़े-बुजुर्गों के समक्ष अपना व भाजपा का पक्ष भी रख रहे हैं।
कोई प्रतिक्रिया नहीं
अर्जुन मेघवाल के खिलाफ भले ही एक धड़ा पुरजोर कोशिश लगाए बैठा है लेकिन किसी भी तरह का रिएक्शन अर्जुन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। पार्टी आलाकमान पूरी तरह से मेघवाल के साथ नजर आए हैं। हालांकि अर्जुन ने रणनीति पूरी तरह से बना ली है और विरोध को दरकिनार कर दिया है।
सामने है मौसेरा भाई
अर्जुन के सामने लोकसभा चुनाव किसी कुरुक्षेत्र से कम नहीं है। सामने भी मुकाबले में उनका सगा मौसेरा भाई कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी मदनगोपाल मेघवाल है। मदनगोपाल मेघवाल को भले ही नौसिखिया कहा गया है लेकिन अर्जुन मेघवाल के सामने टक्कर देने वाला प्रत्याशी है।