आधार से पकड़े जाएंगे अण्डरग्राउण्ड अपराधी

स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव, एक हजार बायोमेट्रिक मशीन की जरूरत

बीकानेर। अमूमन ऐसे मामले सामने आते हैं जब अपराधी कई वर्षों तक भेष बदल कर पुलिस को चकमा देते रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। आधार कार्ड से पुलिस इन अपराधियों को पकड़ने का आधार मिलेगा। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने इसके लिए पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है। एक हजार बायोमेट्रिक मशीन के इस प्रस्ताव पर फिलहाल कार्य हो रहा है। इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद राजस्थान भी उन राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जिनके पास बायोमेट्रिक मशीनें हैं।
दरअसल, आधार कार्ड में लिए गए फिंगर प्रिंट पुलिस के लिए काम को आसान करेंगे। पुलिस अफसरों का कहना है कि प्रदेश में करोड़ों लोगों को आधार कार्ड डेटा मिल चुका है। यह डेटा बायोमेट्रिक मशीन पर तुरन्त दिखाई भी देता है। ऐसे में लापता लोगों, अपराधियों व अन्य लोगों की तलाश आसान हो सकती है। प्रदेश में आठ सौ पचास से भी ज्यादा पुलिस थाने, करीब पैंतालिस एसपी कार्यालय, पुलिस की एजेंसियों के भी आधा दर्जन से ज्यादा कार्यालयों में एक हजार बायोमेट्रिक मशीनों की जरूरत है। अगर सभी जगहों पर ये मशीनें पहुंचा दी जाती हैं तो पुलिस थानों से ही किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। अभी यह सुविधा महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, तमिलनाडू और कर्नाटक में चल रही है।
सत्तर हजार से ज्यादा अपराधियों की तलाश
जानकारी के मुताबिक हर साल दो हजार से भी ज्यादा लोग लापता होते हैं जिनमें पांच से बीस साल तक के लोगों की संख्या ज्यादा है। इनमें भी महिलाओं और युवतियों की संख्या सबसे ज्यादा है। अपराधियों की बात की जाए तो प्रदेश भर की पुलिस वर्तमान में सत्तर हजार से भी ज्यादा अपराधियों की तलाश में है। इनमें अन्य राज्यों के अपराधी और बदमाश भी शामिल हैं।

 

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