ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है
अरबपति उम्मीदवार को हरा कर विजेता बने
ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए प्रताप चंद्र सारंगी को भी नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। इन्हें राज्यमंत्री का प्रभार मिला है।
एकदम साधारण वेशभूषा और सामान्य जनजीवन वाले प्रताप सारंगी चुनाव जीतने के बाद से ही काफी चर्चा बटोर रहे हैं।
प्रताप चंद्र सारंगी जो बालासोर से भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद है। उन्हें ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है। बताया जाता है कि मोदी जब भी ओडिशा आते हैं तो सारंगी से मुलाकात जरूर करते हैं।
इलाके पर पकड़ होने के कारण ही लगभग 13000 वोटों से जीते है प्रतापचन्द्र सारंगी, आज भी झोपड़े में रहते है। प्रताप चंद सारंगी 542 सांसदों में सबसे गरीब आर्थिक रुप से कमजोर सांसद हैं। जिनके पास मोबाइल नहीं है।
झोपड़ी में निवास है। ग्राम पंचायत के हैंडपंप पर स्नान करते हैं। 12970 वोटों से अरबपति उम्मीदवार को हरा कर विजेता बने हैं। इन्होंने पूरा प्रचार साइकिल से किया।
सारंगी ने इसबार के लोकसभा चुनाव में ओडिशा के बालासोर से जीत हासिल की है। इन्होंने बीजू जनता दल के रविंद्र कुमार जेना को 12 हजार 956 वोट से हाराया है। लोग उन्हें ओडिशा का मोदी कहने लगे हैं।
साधु बनना चाहते थे…
सारंगी कई सालों से समाजसेवा में लगे हैं। उन्होंने शादी भी नहीं की है। वो रामकृष्ण मठ में साधु बनना चाहते थे। इसके लिए वो कई बार मठ भी गए थे। लेकिन जब मठ वालों को पता लगा कि उनके पिता नहीं है और उनकी मां अकेली हैं, तो मठ वालों ने उन्हें मां की सेवा करने को कहा। पिछले साल उनकी मां का देहांत हुआ है।
सिर्फ पैसों से चुनाव लडऩे के मिथक को गरीबी और ईमानदारी से ध्वस्त करने वाले प्रताप सारंगी ने उस दौर में जब पॉलिटिक्स को पैसे वाले अपने पॉकेट मे लेकर चलते हैं।
करोड़ों खर्च कर अरबों कमाने का जरिया बन चुकी राजनीति में प्रताप सारंगी कई बरसों से सादगी के हस्ताक्षर बने हुए हैं। भगवा झंडा थामकर प्रताप सांरगी दो बार ओडिशा विधानसभा में बैठ चुके हैं।
मगर न तो इनके पास अपना बड़ा सा मकान है। न गाड़ी है। न पुलिस की फोर्स है। टूटे हुए मकानों में अकेले रहने वाले प्रताप कभी साधु बनने चले थे, मगर सियासत की सादगी के साधक बनकर रह गए।
दो बार विधायक रह चुके हैं
बालासोर में नीलगिर के गोपीनाथपुर गांव में 4 जनवरी 1955 को जन्मे प्रतापचंद्र सारंगी नीलगिर विधानसभा क्षेत्र से 2004 और 2009 में विधायक चुने जा चुके हैं। 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इस बार उन्होंने 2014 में जीते बीजू जनता दल के रबिंद्र कुमार जेना को ही 12,956 वोटों से पराजित किया। 2009 में यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीकांत जेना ने विजय हासिल की थी।
लोग चाहते मुख्यमंत्री बनें
ट्विटर पर उनकी एक पोस्ट किसी यूजर ने 24 मई को शेयर की थी। इसे 3600 से अधिक बार री-ट्वीट किया जा चुका है। कई यूजर्स ने लिखा कि सारंगी को ओडिशा का मुख्यमंत्री बनना चाहिए, क्योंकि उन्होंने जमीनी स्तर पर समाज सेवा के बहुत काम किए हैं। सारंगी बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी बहुल गांवों में गण शिक्षा मंदिर योजना के तहत कई स्कूल संचालित करते हैं, जिन्हें सामर कारा केंद्र नाम दिया गया है।