सवा तीन सौ विद्यार्थी, एक शिक्षक, ग्रामीणों में रोष

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सरकार व प्रशासन की अनदेखी, उच्च शिक्षा मंत्री की निकाली शव यात्रा

बीकानेर। सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने की बात तो करती है लेकिन सरकारी स्कूलों के हालात सुधारने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। बहुत से स्कूलों में आज भी शिक्षकों की कमी देखी जा रही है।

ऐसा ही एक मामला लूनकरणसर तहसील के खोडाला गांव स्थित सरकारी स्कूल में इन दिनों देखने को मिल रहा है।
पिछले दस दिनों से शिक्षकों को लगाने की मांग को लेकर गांव के लोग स्कूल के ताला लगाकर धरने पर बैठे हैं।

हैरानी की बात है कि दस दिन बीत जाने के बाद भी न तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उनसे बात करना उचित समझा और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने। सिस्टम से परेशान हुए इन लोगों ने आज उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली और सरकार की अनदेखी पर अपना विरोध जताया।

जानकारी के मुताबिक खोडाला गांव में स्थित राजकीय आदर्श वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय में शिक्षकों के 11 पद रिक्त पड़े हैं। काफी समय से गांव के बाशिन्दों ने प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से छात्र संख्या के अनुसार शिक्षकों को लगाने की मांग की। लिखित में भी प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

फिलहाल इस संस्कृत विद्यालय में 325 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं लेकिन एक ही शिक्षक कार्यरत है। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। काफी समय तक प्रशासन की अनदेखी देखने के बाद गांव के लोगों ने दस दिनों पहले स्कूल के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए। इसके बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई तो अनशन शुरू कर दिया गया।

सरकार और प्रशासन की लापरवाही की बानगी देखिए कि ग्रामीणों के अनशन को भी चार दिन हो गए लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने उनकी सुध नहीं ली। सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी मांग पर आकर्षित करने के लिए आज गांव के बाशिन्दों ने उच्च शिक्षा मंत्री की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली है।

अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रदेश भर में गौरव यात्रा निकालने वाली मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे यहां आकर लोगों से वोट किस प्रकार मांगेगीं। फिलहाल ग्रामीणों का धरना और अनशन जारी है।

 

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