निगम आयुक्त कह रहे हैं दो-तीन में लगा देंगे लाइटें, महापौर कह रहे आचार संहिता के पहले बंद हुआ था काम, अब नहीं होगा। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि जिस पार्षद को अपना काम करवाना होता है, वे आसानी करवा रहे हैं अपना काम।
बीकानेर। प्रकाश के त्योहार दिवाली पर इस बार तकरीबन तीस फीसदी शहर अंधेरे में डूबा रहेगा। वहां नगर निगम की ओर से लाइटें लगवाने का काम नहीं करवाया जाएगा। हैरानी की बात तो यह है कि ऐसा महापौर नारायण चौपड़ा स्वयं कह रहे हैं।
गौरतलब है कि शहर के बहुत से वार्डों के विभिन्न मोहल्लों, कॉलोनियों में शाम होते ही अंधेरा पसरना शुरू हो जाता है। रात होते-होते तो ये इलाके गहरे अंधेरे के आगोश में समा जाते हैं।
इन क्षेत्र में रहने वाले लोग लगातार निगम कार्यालय में इस बारे में शिकायतें भी दर्ज करवा चुके हैं लेकिन रोड लाइट लगवाने के लिए ्निगम अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई।
पंचदिवसीय दीपोत्सव से दो दिन पहले आज शहर के बहुत से इलाकों में प्रकाश व्यवस्था के नाम पर हालात बहुत खराब दिखाई दे रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि प्रकाश व्यवस्था सही करने के लिए न तो महापौर गंभीर नजर आते हैं और न हीं निगम आयुक्त प्रदीप गवांडे।
कुल मिला कर यह माना जा सकता है कि निगम कार्यालय में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जनप्रतिनिधियों और अफसरशाही के बीच की खींचातानी और भ्रष्टाचार का नुकसान आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
भण्डार में पड़ी है पांच हजार लाइटें
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम भण्डार में जयपुर से आई तकरीबन पांच हजार लाइटें रखी हुई हैं। सामान्य तौर पर तो लाइटें लगाने का काम नहीं हो रहा है लेकिन जिस पार्षद को अपने वार्ड में लाइट लगवानी है या अन्य किसी प्रकार का काम करवाना होता है तो वह निगम कार्यालय के मार्फत करवाया जा रहा है।
शहर में रोड लाइट लगवाने का कार्य आचार संहिता लगने से पहले ही बंद हो गया था लेकिन अब यह काम वापस शुरू नहीं होगा। काम बंद होने और शुरू नहीं होने की वजह जब रिपोर्टर ने महापौर से पूछी तो उन्होंने कहा कि सारी बातें मोबाइल पर नहीं बताई जा सकती हैं, लेकिन रोड लाइट लगवाने का काम अब शुरू नहीं किया जा सकता है।
नारायण चौपड़ा, महापौर।
शहर के ज्यादातर इलाकों में प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है। शहर में सिर्फ एक तिहाई यानि 33 प्रतिशत क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था सही नहीं है। जिसे दो-तीन दिनों में सही करवा दिया जाएगा। प्रकाश के त्योहार पर कहीं अंधेरा नहीं रहने दिया जाएगा।
प्रदीप गवांडे, नगर निगम आयुक्त।