चोरी की वारदातों पर पुलिस नहीं लगा पा रही अंकुश
बीकानेर। शहर में चोरी की वारदातों में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। पुलिस चोरी की वारदातों पर अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है। लगातार हो रही चोरी (thief) की घटनाओं से जिले के बाशिन्दों में भय सा व्याप्त हो रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस अधिकारी हमेशा रात्रि गश्त के प्रभावी होने के दावे करते देखे गए हैं लेकिन उन दावों की जमीनी हकीकत सबके सामने आ रही है।
पिछले आठ दिनों की ही जिले में चोरी की वारदातों पर अगर नजर डाली जाए तो आधा दर्जन मामले सामने आते हैं। इन वारदातों में अज्ञात चोरों ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में दुकानों, मकानों, यहां तक की मंदिरों में भी अपनी करतूतों को अंजाम दिया है। थानों में दर्ज मामलों के मुताबिक बज्जू थाना हलके के तेजपुरा में स्थित सरकारी स्कूल में अज्ञात चोरों ने वहां रखी पांच अलमारियों के ताले तोड़ डाले और उनमें रखा सामान उठा ले गए। इसी प्रकार नोखा के जांगलू गांव में स्थित भोमिया मंदिर में तो चोरों ने वहां रखे 36 छत्र और 50-60 हजार रुपए की चोरी करली। इस बारे में मंदिर के पुजारी श्रीराम पुत्र बन्नाराम की ओर से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
एक जून को पवनपुरी क्षेत्र में रहने वाले विजयप्रताप सिंह पुत्र रणवीरसिंह की ओर से जेएनवीसी थाने दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी दुकान मंगलम ट्रेडर्स में 30 मई की रात को अज्ञात चोरों ने सेंधमारी की और वहां रखी नगदी और कुछ सामान चोरी कर ले गए। इसी प्रकार में जयशिवम पुत्र कैलाशचन्द्र मोदी की ओर से सदर थाने में दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी दुकान दुर्गादास सर्किल पर स्थित है। छह जून की रात को आठ बजे वह दुकान बंद करके अपने घर चला गया था। सुबह वह आया तो देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए थे। उसने अंदर जाकर देखा तो वहां रखे कुछ मोबाइल और लैपटॉप गायब थे। गल्ले में रखी नगदी भी वहां से चोर पार कर ले जा चुके थे।
वाहन चोरी की वारदातों में भी हुई है वृद्धि
जिले में वाहन चोरी की वारदातों में भी काफी वृद्धि हुई है। पिछले आठ दिनों में ही जिले में एक दर्जन से ज्यादा मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। ग्रामीण इलाके होंं या शहरी, चोर हर जगह अपनी करतूतों को लगातार अंजाम देते जान पड़ रहे हैं। लगातार हो रही चोरियों से जिले के बाशिन्दें काफी खौफजदा हैं, लेकिन पुलिस अभी भी चोरों के गिरहबान तक नहीं पहुंच सकी है।