अधिकारियों ने किसानों को गिरदावरी के टोकन देने में की देरी, तहसील क्षेत्र की बजाय अन्य क्षेत्रों के किसान उठा गए फायदा।
लूनकरणसर। राजस्व विभाग की लापरवाही लूनकरणसर क्षेत्र के किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से क्षेत्र के किसानों में काफी रोष पनपने लगा है।
जानकारी के मुताबिक मूंगफली की सरकारी खरीद के लिए सरकार ने लूनकरणसर केन्द्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया तीन अक्टूबर से शुरू कर दी थी लेकिन राजस्व विभाग ने 22 अक्टूबर से गिरदावरी के टोकन किसानों को देना शुरू किया।
तब तक जिले के अन्य क्षेत्रों के तकरीबन ढाई हजार किसानों ने लूनकरणसर केन्द्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया, जिसकी वजह से तहसील क्षेत्र के हजारों किसान अपनी मूंगफली की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित रहते नजर आ रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद लक्ष्य ‘ऊंट के मुंह में जीरा’
सरकार ने लूनकरणसर केन्द्र पर समर्थन मूल्य पर मूंगफली की सरकारी खरीद का लक्ष्य बहुत कम रखा है। सरकार इस केन्द्र के सिर्फ 56 सौ किसानों से ही समर्थन मूल्य पर मूंगफली की सरकारी खरीद करेगी। जबकि तहसील क्षेत्र में 50 हजार से ज्यादा किसान हैं।
सरकार के इस फैसले से भी किसानों में काफी आक्रोश है। वहीं कुछ किसानों ने लूनकरणसर के उपखण्ड अधिकारी से मिल कर सरकारी खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग भी की है।
ऑनलाइन के नाम पर किसानों से ठगी
किसान नेता धर्मवीर गोदारा ने बताया कि राजफैड ने ई मित्रों पर ऑनलाइन बंद कर केवल क्रय-विक्रय सहकारी समिति को ही इस काम के लिए अधिकृत किया है। जिससे ऑनलाइन गिरदावरी करने के लिए किसानों से बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है।
वहीं लूनकरणसर के नायब तहसीलदार का कहना है कि नियमानुसार 15 अक्टूबर तक गिरदावरी करने का समय निर्धारित है। उसके बाद अन्य प्रक्रिया शुरू होती है।