संसद : मानसून सत्र 18 जुलाई से

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कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर सकता है विपक्ष

नई दिल्ली। मौजूदा मोदी सरकार के कार्यकाल के आखिरी मानसून सत्र की तारीखें फाइनल हो चुकी हैं। इस वर्ष मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलेगा। यह फैसला संसद के मामलों की संसदीय समिति की बैठक में लिया गया।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को यह बैठक संसद में हुई थी। जिसमें राजनाथसिंह, अनंतकुमार, रामविलास पासवान, थावरचंद गहलोत और अन्य लोग मौजूद थे। आपसी विचार-विमर्श के बाद संसद के मानसून सत्र के लिए 18 जुलाई-2018 से लेकर 10 अगस्त 2018 तक का समय निर्धारित किया गया है।

मानसून सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना

मोदी सरकार का यह आखिरी मानसून सत्र है। विरोधी दल इस सत्र में सरकार को घेरने की पूरी कोशिशें कर सकती हैं। अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए सदन में विपक्ष अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने की कोशिश भी कर सकता है। ताकि सदन के साथ-साथ पूरे देश में यह संदेश पहुंच सके कि विपक्ष अब मोदी सरकार के खिलाफ संगठित हो चुका है।

कश्मीर मुद्दे पर हो सकता है हंगामा

हाल ही में जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन टूटने और राज्य में राज्यपाल शासन लगने को लेकर विरोधी दल संसद में सरकार को घेरने की कोशिश कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सभी विरोधी दल एकजुट होकर बीजेपी पर निशाना साध सकते हैं।

कई विधेयक होने हैं पारित

जानकारी के मुताबिक तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है और राज्यसभा में लंबित है। यह विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में रहेगा। सरकार राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने पर जोर देगी।

मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर विधेयक को भी लिया जाएगा। उच्च सदन के उपसभापति के तौर पर पीजे कुरियन का कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है। राज्यसभा का उपाध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव भी इसी सत्र में होगा।

 

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