दीपावली और चुनाव को लेकर बढ़ी पुलिस की टेंशन

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पुलिस
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आने वाले पैंतीस दिनों में पुलिस की अग्निपरीक्षा, टाला जा रहा है पुलिसकर्मियों का अवकाश।

बीकानेर। आने वाले 35 दिनों में पुलिस की अग्निपरीक्षा होने वाली है। पहले तो दीपावली का त्योहार और उसके बाद विधानसभा चुनाव, दोनों को लेकर प्रदेश के डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पूरी तरह से सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं और साथ ही रात की गश्त को भी बेहद मजबूत करने के लिए कहा है। चुनाव तक सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां टालने की कोशिश की जा रही है।

ये तैयारी कर रही है पुलिस

जानकारी के मुताबिक पांच दिनों के दिवाली पर्व से पहले पुलिस ने तैयारी करना शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में आठ सौ पचास से ज्यादा पुलिस थाने हैं। हर थाना इलाके में करीब बीस-बीस सीएलजी सदस्य हैं।

इन सीएलजी सदस्यों को यही काम दिया गया है कि वे दिवाली और चुनाव को लेकर पूरी तरह से सतर्क रहें और लोगों के बीच पहुंच कर स्थिति का जायजा लेंवे।

रात की गश्त मजबूत करने की कोशिश

विभागीय सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले प्रदेश भर के लिए अधीक्षकों को रात की गश्त प्रभावी करने के लिए भी कहा गया है। पुलिस अधीक्षकों को कहा गया है कि वे रात की गश्त को मजबूत करें।

रात के समय पुलिसकर्मियों का जाप्ता तीन से चार गुना तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही पुलिस अधीक्षक भी चौबीस घंटे अपना फोन ऑन रखें और जरूरत पडऩे पर स्वयं भी गश्त पर निकलें।

अभी थाने का दस फीसदी स्टाफ रहता है गश्त पर

जानकारी के अनुसार रात के समय थाने का करीब दस से पन्द्रह प्रतिशत स्टाफ गश्त पर रहता है। इनमें एसएचओ और कांस्टेबल शामिल हैं। ज्यादातर स्टाफ को दिन के समय काम में लिया जाता है। पीएचक्यू के निर्देशों के बाद अब थाने का आधा स्टाफ रात्रि गश्त पर रहेगा।

अस्सी हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी ऑन ड्यूटी

वर्तमान में प्रदेश में करीब अस्सी हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी ऑन ड्यूटी हैं। इनमें करीब डेढ़ सौ से ज्यादा आईपीएस और आरपीएस अफसर सहित आठ सौ से ज्यादा पुलिस इंस्पेक्टर शामिल हैं। आधे से ज्यादा संख्या कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल की है। चुनाव तक सभी की छुट्टियों को टालने की कोशिशें की जा रही हैं।

ली जा रही है शांति समिति की मदद

जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर के थानाधिकारियों को यह कहा गया है कि वे मुस्लिम बहुल इलाकों में दिवाली से पहले शांति समिति की बैठक करें और इसके बाद उसकी रिपोर्ट तैयार करें।

सभी समाजों के बड़े लोगों को साथ लेकर पर्व की तैयारी करें, ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो। बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में तीन सौ से ज्यादा शांति समितियां हैं।

 

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