सृजन लोक

आह को चाहिए इक उम्र असर ‘होने तक’ कौन जीता है तेरी जुल्फ के सर होने तक

ग़ालिब का ये शेर क्या यूँ ही है या कुछ ग़फ़लत है? उनके जीते जी…

ख़ुदा के वास्ते पर्दा न काबे से उठा ज़ालिम/कहीं ऐसा न हो यां भी वही काफ़िर सनम निकले

यह शेर ग़ालिब का नहीं अन्तिम मुगल सम्राट बहादुर शाह 'जफ़र' का है और पहला…

कभी-कभार : अशोक वाजपेयी

कविता का काम रिकार्ड रखना नहीं है, पर वह किसी भी समय में मनुष्य होने…