प्रदेश भर में सूदखोर सक्रिय, लोगों की मजबूरी का उठा रहे फायदा
बीकानेर। सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर जान देने के मामले प्रदेश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बीते ढाई साल में यानि वर्ष-2016 से अब तक ही 40 से ज्यादा लोग ब्याज माफियाओं के मकड़जाल में फंसकर और उनकी धमकियों के दबाव के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। यह सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है।
गौरतलब है कि अपनी छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए लोग सूदखोरों से रुपए उधार ले लेते हैं और उसके भारी-भरकम ब्याज के तले दब जाते हैं। ब्याज ही ब्याज में उधार ली गई मूल राशि का तीन से चार गुना तक सूदखोर को चुका देते हैं लेकिन मूल राशि फिर भी उतनी की उतनी बकाया रह जाती है।
ब्याज के इस खेल में सूदखोरों की ओर से जरूरतमंद लोगों की मजबूरी का फायद उठाया जा रहा है। ब्याज का खेल इतना खतरनाक हो गया है कि अब यह लोगों के लिए जानलेवा बन गया है। हैरानी की बात यह है कि इन सबके बावजूद भी लोग ज्यादा ब्याज पर सूदखोरों से रुपए उधार ले रहे हैं।
30 से 40 प्रतिशत तक ले रहे ब्याज
जानकारी के मुताबिक शहर में ऐसे बहुत से सूदखोर हैं जिन्होंने यहां लोगों को लाखों रुपए ब्याज पर दे रखे हैं। सामान्य रूप से तो बाजार में डेढ़ रुपए सैकड़ा ब्याज साहूकारी माना जाता है लेकिन यहां ये ब्याज दर बराबर के व्यापारियों में ही है।
इसके अलावा सोने-चांदी के जेवरात, वाहन, जमीन या मकान के कागजात गिरवी रखकर सक्षम लोगों से रुपए उधार लेने पर 3 से चार प्रतिशत ब्याज लिया जा रहा है लेकिन यह यहां बहुत कम प्रचलन में है। यहां ज्यादा कीमती वस्तु और जमीन-जायदाद के कागजात रखने के बाद ब्याजखोर 5 से 10 प्रतिशत तक ब्याज वसूल रहे हैं।
इतना ही नहीं शहर के विभिन्न बाजारों में छोटे और मंझोले दुकानदारों को ब्याजखोर 30 से 40 प्रतिशत तक ब्याज पर रुपए उधार दे रहे हैं। ब्याज के इस खेल में यहां कई लोगों के मकान बिक गए और वे बेघर तक हो गए।
मजबूर लोग, माफिया हावी, पुलिस मौन
गौरतलब है कि ब्याज माफिया तेजी से पैर पसार रहा है। प्रदेश में पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष-2016 से आज तक 40 लोगों ने सूदखोरों के चंगुल में फंस कर अपनी जान गंवाई है।
कई मामलों में तो पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किए हैं, लेकिन बहुत कम मामलों में ही पुलिस ने कार्रवाई की है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेेर, बीकानेर, चूरू सहित प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले में इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं।
कोटा में तो अभी हाल ही में ताजा मामला सामने आया है जिसमें एक पिता ने अपने दो बेटों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर जान गंवाई है। इसके बावजूद पुलिस मौन हुई नजर आ रही है।











