देश के प्रमुख इलिजरोव विशेषज्ञों ने किए अनुभव साझा, लाइव ऑपरेशन भी
बीकानेर। पीबीएम हॉस्पीटल ट्रोमा सेन्टर के सेमीनार हॉल में रविवार को हड्डियों के इलाज की विशेष तकनीक इलिजरोव पर कार्यशाला आयोजित हुई।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज ऑर्थोपेडिक विभाग एवं इंडियन रेडक्रास सोसायटी बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुई इस कार्यशाला मे देश के प्रमुख इलिजरोव विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किये और लाइव ऑपरेशन कर तकनीक से प्रतिभागियों को रूबरू कराया।
कार्यशाला मे देश-प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के 50 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक रेजीडेन्टस शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भागीरथसिंह बिजारणिया ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के विकास के साथ चिकित्सक मरीजों का विश्वास और मनोबल बनाए रखें तथा इलाज की लागत को सीमित रखे।
कार्यक्रम अध्यक्ष कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यशाला से रोगियों और चिकित्सकों को नई दिशा मिलेगी। विशिष्ठ अतिथि भारत स्काउट गाइड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विमला डुकवाल ने कहा कि कार्यशाला के प्रशिक्षण का लाभ जन-जन तक पहुंचना चाहिए।
अस्थिरोग विभागाध्यक्ष सीनियर प्रो. डॉ. बीएल खजोटिया ने हड्डियों के इलाज की तकनीक इलीजरोव की जानकारी दी। कार्यशाला मे वडोदरा गुजरात के इलिजरोव सर्जन डॉ. अजित के पाटिल ने देश में इलीजरोव तकनीक की स्थिति पर प्रकाश डाला। दाहोद गुजरात के डॉ. अमर सोनी ने कहा कि यह तकनीक हड्डियों को लम्बा करने में कारगर है।
राजस्थान ऑर्थोपेडिक सर्जन्स एसोशियेसन, जयपुर के सचिव डॉ. जयन्त सेन ने कहा कि इस तकनीक से रोगियों को प्रक्रियागत लाभ मिलेगा। सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर मालावत ने कहा कि यह चिकित्सा तकनीक बीकानेर के चिकित्सा जगत में नवाचार है।
कार्याशाला में वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. आरपीएस तोमर, वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. दिनेश सोढ़ी, समाजसेवी डॉ. श्योदानसिंह मेघवाल, डॉ. प्रतापसिंह, डॉ. आरपी लोहिया, डॉ. सुरेन्द्र चोपड़ा सहित कई गणमान्य मौजूद रहे। ट्रोमा सेन्टर के अतिरिक्त प्रभारी डॉ. बीएल चोपड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इलिजरोव तकनीक पर व्याख्यान
ऑर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष एवं ट्रोमा सेन्टर प्रभारी डॉ बीएल खजोटिया ने बताया कि कार्यशाला मे अतिथि इलिजरोव सर्जन डॉ. अजित के. पाटिल, डॉ. अमर सोनी, डॉ. जयन्त सेन इलिजरोव तकनीक पर प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इलीजरोव तकनीक के इतिहास, सिद्धान्त, साधन, उपकरण, चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
रोगी के दुर्घटनाग्रस्त पैर का लाइव आपरेशन
कार दुर्घटना में घायल हुए 40 वर्षीय मधुसूदन के फ्रेक्चर्स के कारण संक्रमित पैर का ऑपरेशन किया गया। जिसका लाइव प्रसाारण कार्यशाला के दौरान सेमिनार हॉल में किया गया।
अतिथि सर्जन डॉ. अजीत के पाटिल, डॉ. अमर सोनी के साथ विभागाध्यक्ष सीनियर प्रो. डॉ. बीएल खजोटिया, डॉ. सुरेन्द्र चोपड़ि, डॉ. संजय तंवर, निश्चेतन विभाग की प्रो. डॉ. सोनाली धवन, डॉ. किवी मंटन की टीम ने इस ऑपरेशन में संक्रमण से गली हडडी को हटाकर शिकंजे व वायर लगाकर ऑपरेशन किया।