संजू ने ‘अलग दुनिया’ और मंजू ने ‘जलम दिन’ कहानी का किया वाचन …देखें वीडियो

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बीकानेर thenews.mobilogicx.com

रविवार मुक्ति संस्थान के तत्वावधान में छठे कहानी पाठ का आयोजन बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के सभागार में किया गया। कहानी पाठ कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ सुचित्रा कश्यप ने की।

हिन्दी एवं राजस्थानी के दो प्रतिष्ठित महिला रचनाकारों डॉ संजू श्रीमाली ने हिन्दी कहानी ‘अलग दुनिया’ एवं युवा साहित्यकार मंजू सारस्वत ने राजस्थानी कहानी ‘जलम दिन’ का वाचन किया।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संजू श्रीमाली की हिन्दी कहानी ‘अलग दुनिया’ पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा कथाकार प्रिया पुरोहित ने कहा कि संजू की कहानी मानवीय समाज का तीक्ष्ण यथार्थ है, ‘अलग दुनिया’।

पुरोहित ने कहा कि कहानी सोचने पर मजबूर करती है कि शिक्षित लोगों की शिक्षा और धन से अघाये समाज की जरुरत मानव समाज को किस रुप में है? सफर पर निकली ममता अपने जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण एक अलग दुनिया का सफर इसी दुनिया में कर आती हैं। जहं के शिशुओं की जन्मघूंटी हताशा, नौनिहालों के लिए अर्थ ही बचपन और उसका सिद्धान्त जुआ और युवाओं का आनन्द बोतलों में बन्द है।

कहानी पाठ कार्यक्रम में संस्था के सचिव राजेन्द्र जोशी ने कहा कि अनेकों कहानीकार कहानी के माध्यम से रचनाओं में विभिन्न आकर्षक रंग भरकर उन्हें पठनीयता के साथ साथ दर्शनीय भी बना देते है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ सुचित्रा कश्यप ने कहा कि साहित्य और विशेषकर लोक साहित्य को समृद्ध करने का काम कहानी विधा ने किया है।

कहानी पाठ कार्यक्रम में अलायदा प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य ने कहा कि आज की कहानियाँ व्यापकता लिए हुए है। उन्होंने कहा कि आज पढ़ी गयी कहानियां समाज में असरदार भी है। आचार्य ने कहा कि भाव एवं संवेदना की कहानियां है। उन्होंने कहा कि आज की कहानियां भाषा, कथानक और गठन की दृष्टि से अनुपम है। उन्होंने बताया कि अलग दुनिया 4 गुणा 6 के घरों में सिमटे एक ऐसे समाज की कहानी हैं जो असभ्य समाज की श्रेणी मे आते हैं, जिनके घर के दीपक सभ्य समाज के नकाबपोशों के कारण जलते हैं।

कार्यक्रम में बुलाकी शर्मा, मीनाक्षी स्वर्णकार, चन्द्रशेखर जोशी, राजाराम स्वर्णकार, हरीश बी शर्मा, नवनीत पाण्डे, गौरीशंकर प्रजापत, डॉ नमामीशंकर आचार्य, कमल रंगा, रंगा राजस्थानी, गिरिराज हर्ष, भगवती सोनी, प्रेम नारायण व्यास, मुरलीमनोहर माथुर, गिरिराज पारीक, प्रमोद शर्मा, गायत्री सुथार, ज्योति वधवा, कमल पारीक, डॉ रेणुका व्यास, डॉ समीक्षा व्यास, विष्णु शर्मा, अजीत राज, आत्माराम भाटी, बजरंग सारस्वत, विनोद सारस्वत सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोनिका गोड़ ने तथा राजाराम स्वर्णकार ने स्वीकार किया।

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