पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास हुआ हादसा
बीकानेर। पॉलििटेक्निक कॉलेज के पास आज दोपहर को एक स्कूली बस ने मोटर साइकिल पर सवार दो जनों को चपेट में ले लिया। जिससे मोटर बाइक सवार युवक और किशोरी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों को मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने ट्रोमा सेन्टर पहुंचाया जहां दोनों अभी उपचाराधीन है।
जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब डेढ़ बजे मरुधरा कॉलोनी स्थित प्रतिष्ठित स्कूल की बस बच्चों को लेकर पवनपुरी से पॉलिटेक्निक कॉलेज की ओर जा रही थी। वहीं मोटर साइकिल सवार राजकीय आईटीआई कॉलेज तिराहे से पॉलीटेक्निक कॉलेज की ओर जा रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही मोटर साइकिल इस तिराहे से मोड़ लेकर कुछ फीट की दूरी पर पहुंची पीछे से आई स्कूली बस ने उसे चपेट में ले लिया।
स्कूली बस की गति इतनी तेज थी कि वह तकरीबन 20 मीटर तक पॉलीटेक्निक कॉलेज की तरफ मोटर साइकिल और उस पर सवार युवक व किशोरी को घसीटती ले गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस दौरान बाइक पर सवार किशोरी जोर से चिल्लाती रही। किशोरी की पुकार सुन कर सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों में सवार लोग और आस-पास मौजूद लोग भाग कर घटना स्थल पर पहुंचे और तुरन्त दोनों घायलों को अन्य वाहन की मदद से ट्रोमा सेन्टर भेजा।
इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस मौके पर पहुंचती इससे पहले ही स्कूली बस का चालक मौके से फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस ने स्कूली बस और मोटर साइकिल को कब्जे में लिया।
घायल जेलवेल के हैं निवासी
जेएनवी पुलिस के मुताबिक इस हादसे में घायल युवक राहुल और उसकी बहिन विनिता है। इनके पिताजी अशोक राजपुरोहित जेलवेल क्षेत्र में पॉवर हाउस कार्यालय के पास रहते हैं। राहुल अपनी बहिन को कोचिंग सेन्टर से लेकर घर की ओर जा रहा था।
पुलिस की सहृदयता
चालक के फरार हो जाने के बाद स्कूली बस में लगभग दो दर्जन बच्चे इस हादसे से काफी सहम गए। कुछ बच्चे हादसा देख कर रोने लगे। मौके पर पहुंचे जेएनवी कॉलोनी थाने के हैड कांस्टेबल वेदपाल ने अपने अन्य पुलिसकर्मी साथियों के साथ माहौल की नजाकत को समझा और तुरन्त स्कूली बच्चों को संभाला।
उन्होंने अपने साथी पुलिसकर्मियों को पानी के कैम्पर लाने के लिए भेजा। रोते बच्चों को चुप करवा कर पुलिसकर्मियों ने उन्हें पानी पिलाया। कुछ क्षणों में बच्चे सामान्य हुए तो पुलिसकर्मियों ने उनसे नम्बर लेकर स्कूल व्यवस्थापकों से सम्पर्क किया और हादसे की जानकारी दी।
साथ ही बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए दूसरी बस को भेजने को कहा। कुछ देर बाद स्कूल व्यवस्थापकों ने दूसरी बस मौके पर भेजी जो बच्चों को उनके घरों तक पहुंचा सकी।