निर्वाचन विभाग का स्पेशल प्लान तैयार

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नाम निर्देशन पत्र
निष्पक्ष चुनाव करवाने की कवायद

बीकानेर। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज, फेक न्यूज और मतदाताओं को लुभाने वाले विज्ञापनों पर कड़ी नजर रखने के लिए निर्वाचन विभाग ने स्पेशल प्लान तैयार कर लिया है। निर्वाचन विभाग की यह कवायद प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव करवाने की है।

जानकारी के मुताबिक मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत की पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन किया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान करवाना विभाग की जिम्मेदारी है। इसी कड़ी में प्रदेश के सभी 33 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एमसीएमसी का गठन कर दिया गया है। कमेटी का काम चुनाव की अधिघोषणा और उम्मीद्वारों के नामांकन के साथ ही शुरू हो जाएगा। कमेटी इलेक्ट्रोनिक, प्रिन्ट व सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित समाचारों व मतदाताओं को लुभाने वाले संदेहास्पद विज्ञापनों पर कड़ी नजर रखेगी।

कमेटी ऐसे करती है काम

जानकारी के अनुसार, कोई भी खबर, विज्ञापन या प्रचार-प्रसार के तरीके को पेड न्यूज की श्रेणी में आने पर मामले को कमेटी रिटर्निंग अधिकारी तक पहुंचाती है। सही पाए जाने पर रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवार को नोटिस देकर उस बारे में जवाब मांग सकता है। जवाब से असंतुष्ट होने पर मामले को राज्य स्तरीय कमेटी को भेजा जाता है और उसी के निर्णय के अनुसार उस पेड न्यूज का खर्चा डीपीआर रेट पर उम्मीदवार के खर्चे में जोड़ा जाता है।

कमेटी का अध्यक्ष जिला निर्वाचन अधिकारी होता है। जबकि एसडीएम या एडीएम, भारतीय प्रेस परिषद से मान्यता प्राप्त पत्रकार, भारतीय सूचना सेवा का जिले में पदस्थापित अधिकारी और सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी इसके सदस्य होते हैं।

अधिकारियों को दिया गया है प्रशिक्षण

बीती 14 अगस्त को प्रदेश के सभी सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारियों और जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को पेड न्यूज, विज्ञापन प्रमाणीकरण, एमसीएमसी और मीडिया मैनेजमेंट से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। 28 अगस्त को इस बारे में सभी कमेटी सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए अब तक की तैयारियों की समीक्षा भी की जाएगी।

 

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