बीकानेर। बीकानेर मंडल के लालगढ़ स्टेशन पर आज रेलवे की ओर से रेल हादसे का काल्पनिक अभ्यास किया गया। इस अवसर पर मण्डल रेल प्रबंधक सहित अन्य सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे।
वरिष्ठ वाणिज्य मण्डल रेल प्रबंधक अभय शर्मा ने बताया कि मॉकड्रील में लीलण एक्सप्रेस से दो कोच काट कर दूसरी गाड़ी में लगाने के लिए शंटिंग की जा रही थी। तभी दुर्घटनावश कोच रेल पटरी से उतर कर एक-दूसरे पर चढ़ गए । 11.04 बजे स्टेशन अधीक्षक ने रेलवे कंट्रोम रूम में फोन कर इसकी सूचना दी। कंट्रोल रूम ने तुरंत सभी संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
11.20 बजे तक सभी विभागों के अधिकारी तथा रेलवे कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंच गए। राज्य सरकार व रेलवे की एंबुलेंस की अनेक गाडिय़ां घटनास्थल पर पहुंच गई।
फायरब्रिगेड, रेलवे सुरक्षाबल के जवान, सेंट जॉन एंबुलेस के सदस्य, रेलवे मेडिकल के डॉक्टर व मेडिकल कर्मचारियों की टीम, राज्य सरकार की डिस्ट्रिक्टल सिविल डिफेन्स व मेडिकल टीम एवं अन्य रेसक्यू कर्मचारियों ने घटनास्थल पर पहुंच कर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया।
रेलवे द्वारा इस कार्य के लिए 4 लाख रुपए एक्सग्रेशिया (अनुग्रह भुगतान के रूप में एक मुश्त राशि) राशि की व्यववस्था की गई। यात्रियों के लिए पीने का शुद्ध पानी, चाय-नाश्ते का इंतजाम कर उन्हें राहत दी गई।
इन डिब्बों में 80 यात्री थे, जिनमें 14 गंभीर घायल थे, जिन्हें एंबुलेंस द्वारा तुरंत नजदीकी हॉस्पीटल में उनकी अवस्थानुसार भेज दिया गया तथा 5 यात्रियों को मामूली चोट लगी थी, उनको वहीं प्राथमिक चिकित्सा् दी गई। जो यात्री बीकानेर स्टेशन से गाड़ी पकडना चाह रहे थे, उन्हें रेलवे द्वारा राज्य सरकार की दो बसों का इन्तजाम करके भेज दिया गया।
बचाव कार्य 12.20 बजे तक पूरा कर लिया गया। ये सब कार्य मंडल रेल प्रबंधक एके दुबे के निर्देशन तथा मौजूदगी में किया गया।
वरिष्ठ वाणिज्य मण्डल रेल प्रबंधक ने बताया कि घटनास्थल पर सुरेश चंद्रा, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा), डीएल मीणा, अपर मंडल रेल प्रबंधक (ऑपरेशन), सुनील जोशी, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, हर्षवर्धन नांगल, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, डीके शुक्ला, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, ए.के.चोयल, वरिष्ठ मंडल दूर संचार एवं संकेत अभियंता, टीकू राम चौधरी, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता तथा वरि.मंडल चिकित्सा अधिकारी, अरुण गुप्ता, डीके दास, आशू मलिक सहित कई अधिकारी व बचाव के लिए रेलकर्मचारी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य रेलवे में यदि वास्तव में दुर्घटना होती है तो रेलवे कर्मचारी ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कितने तैयार हैं। साथ ही इसमें कोई कमी यदि मिलती है तो रेलवे उसमें सुधार कर सके।