केस ऑफिसर स्कीम में शामिल होंगे पॉक्सो मामले
बीकानेर। प्रदेश में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की वारदातों को लेकर राजस्थान पुलिस भी अब कठोर हुई है। ऐसी घिनौनी वारदातों को अंजाम देने वाले वहशी दरिंदों को जल्द सजा मिले और गवाह बेखौफ होकर अपने बयान अदालत में दे सकें, इसके लिए पुलिस अब पॉक्सो में दर्ज मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में शामिल करेगी।
अभी हाल ही में पुलिस महानिदेशक ओपी गिल्होत्रा ने प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक इस निर्देश में कहा गया है कि जो भी मामले पॉक्सो में दर्ज हैं, उन्हें सबसे पहले केस ऑफिसर स्कीम में लिया जाए और सजा दिलाने के बाद ही अपराधी का पीछा छोड़ें।
यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 (पॉक्सो एक्ट) के तहत मामला दर्ज होने पर केस ऑफिसर अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद चालान पेश होगा। अधिकारी अपराधी के खिलाफ सबूत एकत्र करेगा। उसके बाद गवाहों को अदालत में लाने और उनके बयान कराने में मदद करेगा। पीड़ित परिवार बेखौफ होकर बयान दे सके, इसकी व्यवस्था करेगा। मामले में अपराधी को सजा नहीं हो जाने तक केस ऑफिसर मामले पर निगरानी रखी जाएगी।
पढ़ाया जाएगा जागरूकता का पाठ
जानकारी के मुताबिक पुलिस आमजन को जागरूक रहने का पाठ पढ़ाएगी। महानिदेशक ने पुलिस को सतर्क रहकर ऐसे मामले में प्रभावी रोकथाम के निर्देश दिए हैं।
सीएलजी व शांति समिति की बैठकों में मासूमों के साथ हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस जागरूक रहने का का पाठ पढ़ाएगी। स्कूल और कॉलेजों में बच्चियों को गुड टच और बेड टच के बारे में बताएगी। साथ ही अपराधियों से निपटने के उपायों की जानकारी भी देगी।











