पीबीएम : वाजिब हो दरें तो पार्किंग में ही खड़े हो सके वाहन

2377
पीबीएम अस्पताल
पीबीएम अस्पताल में व्यवस्था बदहाल

बीकानेर। अस्पताल में हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं। लगातार हो रही कोशिशों के बाद भी वहां बदहाली का माहौल है। अस्पताल के अन्दर हालात कुछ सही हो रहे होते हैं तो बाहर की ओर से व्यवस्था बिगड़ जाती है, बाहर सही किए जाने की कोशिश चल रही होती है तो अन्दर कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती है।

अस्पताल परिसर में कई जगह पर बने पापीबीएम अस्पतालर्किंग स्थल पर बहुत कम वाहनों को खड़े होते देखा जा सकता है। ज्यादातर लोग अपने वाहन अस्पताल परिसर में ही ऐसे स्थान पर खड़े करना पसन्द करते हैं, जहां शुल्क नहीं लगता है। मेडिसिन आपातकाल कक्ष, पुराना जनाना अस्पताल, इनके सामने स्थित सहकारी दुकानों के आगे, ट्रोमा सेन्टर के सामने, हृदय अस्पताल के पास स्थित एटीएम के आगे, मोर्चरी के सामने, कैंसर अस्पताल के आस-पास आदि कई स्थान ऐसे हैं जहां अस्पताल जाने वाले लोग अपने वाहन बिना शुल्क दिए खड़े करते हैं।
इतना ही नहीं अस्पताल परिसर में निजी एम्बूलेंस भी मनमर्जी से खड़ी की जाती है। कई निजी एम्बूलेंस के मालिक तो अस्पताल के ही कर्मचारी हैं। जो रौब के चलते अपनी एम्बूलेंस अस्पताल परिसर में मुख्य दरवाजे के आस-पास ही खड़ी रखते हैं। ऐसे में अस्पताल परिसर में व्यवस्थाएं खराब हो जाती हैं।

ज्यादा शुल्क होने से परेशान लोग

जानकारी के मुताबिक पीबीएम में पार्किंग के लिए हर वर्ष निविदाएं निकाली जाती हैं। जिसमें लाखों रुपए सालाना का ठेका दिया जाता है। ऐसे में ठेका लेने वाली फर्म अस्पताल में आने वाले लोगों से एक बार वाहन खड़ा करने के दस और चौपहिया वाहन खड़ा करने के तीस रुपए वसूलती है। सही मायनों में तो ये बहुत ज्यादा है।
इसे यूं समझा जाए, जैसे किसी शख्स का परिजन पीबीएम अस्पताल में भर्ती है, उसे दवाई या अन्य कोई सामान लेने के लिए, रोगी की जांच के लिए उसे या किसी सैम्पल को बाहर या मेडिकल कॉलेज ले जाने कई बार जाना पड़ता है तो उसे वाहन पार्किंग के शुल्क के रूप में काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा।
एक दिन में अगर वह दस बार भी दवाई, खाना या अन्य सामान रोगी के लिए लेने जाता है तो उसे दिन भर में सौ रुपए वाहन पार्किंग शुल्क के रूप में खर्च करने होंगे। अपने परिजन के बीमार होने से पहले से ही परेशान आदमी अस्पताल में इस प्रकार से हो रही लूट से और परेशान हो जाता है।

न्यूनतम दरें हो निर्धारित

जानकार लोग बताते हैं कि प्रतिस्पर्धा के चलते अस्पताल में साइकिल स्टेण्ड का ठेका लाखों रुपए सालाना पहुंच गया है। इसे रोकने के लिए पीबीएम प्रशासन को पहल करनी होगी। पीबीएम प्रशासन संविदा पर कर्मचारी रख कर उन्हें साइकिल स्टेण्ड पर नियुक्त करे और प्रत्येक दोपहिया वाहन से दो रुपए और चौपहिया वाहन चालक से पांच रुपए पार्किंग शुल्क के रूप में ले तो संविदा पर रखे गए कर्मचारियों का खर्च उससे निकल सकता है।
इस से पीबीएम अस्पताल में पार्किंग व्यवस्था भी सुचारु रहेगी और साइकिल स्टेण्ड पर रोजाना होने वाले झगड़ों से भी निजात मिल जाएगी।

 

अपना उत्तर दर्ज करें

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.