बीकानेर। राज्य के नए पुलिस मुखिया राजीव शर्मा एक्टिव मोड में आ गए हैं। उन्होंने क्राइम कंट्रोल को लेकर प्रदेश के सभी एसपी, डीसीपी, कमिश्नर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली। जिसमें उन्होंने आईपीएस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अब अगर किसी हिस्ट्रीशीटर ने अपराध किया तो सम्बंधित थाने के SHO की जिम्मेदार होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में उन्होंने कुछ आईपीएस अफसरों को फटकार तक लगा दी। हाल ही में आई आईपीएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट के बाद 33 जिलों के एसपी और कई डीसीपी बदल गए। क्राइम मीटिंग के दौरान ट्रांसफर होकर नए जिलों में गए एसपी अपने पिछले कार्यकाल को लेकर बच नहीं सके। डीजीपी ने निवर्तमान पदों पर रहने वाले एसपी से उनके कामकाज का हिसाब मांग लिया। इस दौरान दो आईपीएस अफसरों का कामकाज संतोषजनक नहीं पाए जाने पर सबकी मौजूदगी में फटकार भी लगा दी। उन्होंने साफ हिदायत दी कि ट्रांसफर होने से आप अपनी पूर्व जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उन्होंने काम में सुधार लाने की नसीहत तक दे डाली।
पुलिस कमिश्नर सहित कुछ जिलों के एसपी से क्राइम के बढ़ते आंकड़ों और सड़क हादसों में कमी नहीं लाने पर भी सवाल पूछे गए। इस पर अफसरों ने कहा कि फील्ड में जांच अधिकारियों की कमी है। इस पर डीजीपी ने कहा कि अधिकारियों की कमी तो पहले भी थी और आगे भी रह सकती है। यह बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि सब मिलकर काम करेंगे तो क्राइम को कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने अपराधियों पर लगाम लगाने और लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने के निर्देश दिए।
पुलिस अधिकारियों की इस बैठक में डीजीपी ने एक बहुत बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी हिस्ट्रीशीटर ने अपराध किया तो इसके लिए संबंधित पुलिस थाने का एसएचओ जिम्मेदार होगा। यह बात उन्होंने इसलिए कही क्योंकि थाना प्रभारी के पास सभी हिस्ट्रीशीटर की पूरी क्राइम कुंडली होती है। वह उसी इलाके का रहने वाला होता है। ऐसे में उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखने का काम संबंधित थाना प्रभारी का ही होता है। उन्होंने कहा कि हिस्ट्रीशीटर क्या करता है, कहां जाता है और क्या प्लानिंग कर रहा है। इस बारे में थाने के एसएचओ के पास पूरी खबर होनी चाहिए। इसके इरादों का पता लगाकर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। आदतन अपराधियों के प्रति कोई रहम दिखाने की जरूरत नहीं है।
डीजीपी ने सभी एसपी को साफ साफ कहा कि पुलिस थानों की नियमित विजिट, गश्त, नाकाबंदी, सतत निगरानी और अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी, समय पालन, ड्यूटी रोस्टर और फील्ड व्यवहार पर निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। लंबित प्रकरणों के निस्तारण, पेंडेंसी घटाने और गंभीर अपराधों की प्राथमिकता से जांच अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
#Kaant K.Sharma/ Bhawani Joshi
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