सरकार पर लग रहे आरोप
बीकानेर। छात्रसंघ चुनाव तिथि की घोषणा नहीं होने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसका असर चुनाव प्रचार पर भी दिखने लगा है। महाविद्यालयों में अब छात्रसंघ चुनाव का माहौल गायब होता नजर आ रहा है।
कॉलेज राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि छात्रनेताओं ने चुनाव तिथि की तस्वीर साफ नहीं होने के चलते प्रचार-प्रसार कम कर दिया है। अगर अब एकाएक चुनाव की तिथि घोषित करके चुनाव करवाए जाते हैं तो इससे कई छात्र नेताओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एकाएक चुनाव तिथि घोषित करके चुनाव करवाने से कई वर्षों से चुनाव की तैयारी करने के साथ छात्र हितों में कार्य करने वालेे छात्र नेताओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं धनबल के सहारे चुनाव लडऩे वाले छात्रनेता चुनावी तस्वीर पलट सकते हैं।
कल हो सकती है चुनाव तिथि की घोषणा
सूत्रों के मुताबिक सोमवार को चुनाव तिथि की घोषणा हो सकती है। साथ ही ये भी सामने आ रह है कि चुनाव इसी महीने में करवाएं जा सकते हैं। क्योंकि पिछले दिनों पिछले दिनों किरण माहेश्वरी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के छात्र नेताओं के सवाल के जवाब में कहा था कि चुनाव जरूर करवाए जाएंगे और अगस्त में होंगे। अब देखना होगा कि इन बचे हुए 11 दिन में किस प्रकार से चुनाव करवाए जा सकते हैं।
एबीवीपी को फायदा पहुंचाने के लग रहे आरोप
छात्रसंघ चुनाव तिथि घोषित नहीं करने पर छात्र संगठनों ने राज्य सरकार पर एबीवीपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। छात्र संगठनों से जुड़े नेताओं का कहना है कि इस तरह से चुनाव तिथि की लास्ट टाइम पर घोषणा करके सरकार विधानासभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन्हें प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
जिस तरह से सोमवार को चुनाव तिथि घोषित करने के बाद इसी महीने चुनाव करवाने की बात सामने आ रही है। इतने कम समय में तिथि घोषित करने के बाद चुनाव करवाने से छात्र नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए प्रर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा।
इस बीच रक्षाबंधन की छुट्टियों के चलते बाहर से आए विद्यार्थी अपने गांव लौट जाएंगे। ऐसे में छात्रसंघ प्रत्याशियों के लिए उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।