27 दिन में 72 मौतें, 1856 लोग पॉजिटिव
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प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक स्वाइन फ्लू से राजस्थान में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस बीमारी से पीडि़त लोगों की संख्या 1856 तक पहुंच गई है। ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
राजस्थान में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू का असर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, सीकर, झुन्झुनू, नागौर, पाली, जैसलमेर जिलों में हैं। बीकानेर में भी आज सुबह एक स्वाइन फ्लू रोगी की मौत की सूचना बताई गई है। बीकानेर में अब तक 133 मरीज स्वाइन फ्लू के शिकार हुए हैं।
सम्भाग में 14 लोगों की मौत हो गई तथा 729 मरीजों के सेंपल लिए गए हैं। वहीं लगातार स्वाइन फ्लू से बीमार हो रहे लोगों की संख्या भी बढती जा रही है। अगर जिले के हिसाब से आंकड़ों की बात की जाए तो राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा जोधपुर में है। वहीं बीमार पड़ते लोग सबसे ज्यादा जयपुर में है।
पिछले दो साल में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली ये खतरनाक बीमारी देश में इस साल भी दबे पांव चली आ रही है। जनवरी के पहले तीन हफ्ते में देशभर में इसके 2777 मामले सामने आए हैं और अभी तक कुल 85 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अकेले राजस्थान में मरीजों की तादाद 1856 है और मरने वालों का आंकड़ा 72 तक पहुंच चुका है। स्वाइन फ्लू का कहर राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में बढ़ रहा है। सिर्फ दिल्ली में 20 जनवरी तक इसके 229 मामले दर्ज किए जा चुके है।
वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हैल्थ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह वायरस अब केवल सूअरों तक सीमित नहीं है, इसने इंसानों के बीच फैलने की कुवत हासिल कर ली है। एन्फ्लूएंजा वायरस की खासियत यह है कि यह लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है। इसकी वजह से यह उन एंटीबॉडीज को भी छका देता है जो पहली बार हुए एन्फ्लूएंजा के दौरान विकसित हुई थीं। यही वजह है कि एन्फ्लूएंजा के वैक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता।
शुरुआत में ही रखना होगा ध्यान : डॉ. दाऊदी
बीकानेर डिस्पेंसरी नम्बर 7 के चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमए दाऊदी ने बताया कि नाक बहना, छींक, खांसी, गले में तकलीफ, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, सांस लेने में तकलीफ ये सभी स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। डॉ. दाऊदी ने बताया कि गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे तथा बुजुर्ग लोग व जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो और जो लोग पहले से बीमार हैं, लंबे समय से कोई दवा ले रहे हैं या जिनका कोई इलाज चल रहा है उन्हें स्वाइन फ्लू का खतरा हो सकता है। डॉ. दाऊदी ने बताया कि अगर इस बीमारी को शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो इलाज में जल्दी फायदा होता है। स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि अगर बचाव के उपाय अपनाए जाएं, तो स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है। डॉ. दाऊदी ने बताया कि स्वाइन फ्लू से संक्रमित शख्स को अपना मुंह ढककर रहना चाहिए, जिससे इस वायरस से दूसरों को संक्रमण न हो जाए। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें। खुद से कोई दवा न लें। इसके संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने हाथ धोते रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़भाड़ में अपना मुंह कवर करके निकलें।
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