बीकानेर। भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास के सवाल पर ऊर्जा मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी से भाजपा में रोष जताया गया है। भाजपा महिला नेत्री कामिनी भोजक ने बताया कि डॉ. कल्ला द्वारा की गई टिप्पणी कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। विधायक सूर्यकांता व्यास राज्य की वरिष्ठ नेता हैं। डॉ. कल्ला द्वारा की गई टिप्पणी अशोभनीय है।
16 सीसीए एवं 17 सीसीए मामलों के निस्तारण में विभाग के स्तर पर देरी नहीं- कल्ला
राजस्थान विधानसभा में आज सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ 16 एवं 17 सीसीए के तहत की जाने वाली कार्रवाई को लेकर ऊर्जा मंत्री बुलाकीदास कल्ला पर भाजपा सदस्यों ने तीखे सवाल किये। भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये सवाल पर डा0 कल्ला ने बताया कि वर्तमान में 16 सीसीए एवं 17 सीसीए के 1030 प्रकरण लम्बित है, जिनमें 162 प्रकरण लिखित एवं अभिलिखित स्तर पर, 271 कार्मिक विभाग, 336 जाँच अधिकारी के समक्ष, छह मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर 40, राजस्थान लोक सेवा आयोग, 33 राज्यपाल कार्यालय में एवं 172 प्रकरण प्रशासनिक विभाग में लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि कार्मिक विभाग में अधिकारियों की शिकायतों के प्राप्त प्रकरणों में गम्भीर प्रवृत्ति के प्रकरणों को 16 सीसीए में एवं सामान्य मामलों में 17 सीसीए के तहत कार्यवाही की जाती है।
यह है मामला
प्रश्नकाल के दौरान विधायक सूर्यकांता व्यास ने कर्मचारियों को 16 सीसीए के तहत प्रस्तावित चार्जशीट के प्रकरण को लेकर सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि अब तक 16 सीसीए के 1030 प्रकरण विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। सूर्यकांता व्यास प्रश्न के उत्तर से संतुष्ट नहीं हुई तो कहा कि वे पूछ कुछ और रही हैं और मंत्री कुछ और जवाब दे रहे हैं। व्यास के सवालों पर पूरा विपक्ष एक हो गया और मंत्री को घेर लिया। मंत्री ने यहां तक कह दिया कि मैने पूरी प्रक्रिया को लेकर जवाब दे दिया है। मैं डीओपी मंत्री रहा हूं, जो सदस्य सवाल उठा रही हैं। वे कभी मंत्री नहीं रहीं। उनको अनुभव नहीं है। 16 सीसीए की कार्यवाही में कहीं कोई नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ। विधायक के मंत्री नहीं रहने की टिप्पणी करते ही विपक्ष ने मंत्री को घेर लिया। मामला बिगड़ता देख अध्यक्ष ने टिप्पणी सदन की कार्यवाही से हटा दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मंत्री तो इतना बता दें कि 16 सीसीए के नोटिस का सबसे पुराना मामला कितने साल पहले का है। कर्मचारी सेवानिवृत हो जाते हैं, लेकिन उनके 16 सीसीए के प्रकरण खत्म नहीं होते। इस पर बी डी कल्ला ने कहा कि अभी यह जानकारी मेरे पास नहीं है।










