जयपुर। प्रदेश में गोमूत्र दूध की कीमत में बिक रहा है। इससे यहां गाय पालने वाले किसानों और डेयरी उद्योग चलाने वालों को काफी फायदा हो रहा है। गोमूत्र की इतनी मांग है कि गिर और थारपारकर जैसी हाइब्रीड गाय के मूत्र को भी किसान 15 से 30 रुपये लीटर हॉलसेल मार्केट में बेच रहे हैं। वहीं, गाय के दूध की कीमत 28 से 30 रुपये प्रति लीटर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर के रहने वाले कैलाश गुर्जर ऑरगेनिक खेती करने वालों को गौमूत्र बेच रहे हैं। उनका कहना है कि दूध के साथ ही गाय का मूत्र बेचने की वजह से उसकी आमदनी 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
गोमूत्र को ऑरगेनिक खेती करने वाले किसान कीटनाशक की जगह इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही इसका इस्तेमाल दवा के रूप में और धार्मिक कार्यों में भी किया जा रहा है। पिछले दो दशकों से गाय का दूध बेच रहे एक गुर्जर का कहना है कि उन्हें पूरी रात इसलिए जागना पड़ता है कि गाय का मूत्र जमीन पर न गिरे। गाय हमारी माता है। ऐसे में हमें पूरी रात जागना भी बुरा नहीं लगता है। वहीं, एक दूध विक्रेता ने बताया कि अब गिर गाय के गौशाला से गोमूत्र खरीदना शुरू कर दिया है। वे उसे खरीदकर 30 रूपये लीटर बेचते हैं।
गौमूत्र की मांग ऑरगेनिक खेती करने वाले लोगों के बीच काफी ज्यादा है। वे कीटनाशक के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। कीड़े से बचाव के लिए वे अपनी फसल के उपर इसका छिड़काव करते हैं। कई लोग गोमूत्र का इस्तेमाल धार्मिक कार्य जैसे यज्ञ, पंचगव्य सहित कई आयोजन पर करते हैं।
उदयपुर स्थित सरकार द्वारा संचालित महाराणा प्रताप कृषि व तकनीक विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक महीने ऑरगेनिक फार्मिंग प्रोजेक्ट के लिए 300 से 500 लीटर गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने राज्य के पशुपालकों से करार किया है। प्रत्येक महीने विश्वविद्यालय करीब 15 से 20 हजार रूपये का गोमूत्र खरीदती है।