पोषाहार परोसने पहले होगी प्रयोगशाला जांच

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गड़बड़ी से बचने की कवायद महिला एवं बाल विकास विभाग ने दिए आदेश

बीकानेर। बच्चों के लिए चलाई जा रही पोषाहार वितरण योजना में गड़बड़ी से बचने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग की ओर से पोषाहार वितरण से पहले प्रयोगशाला जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

यह योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है लेकिन प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से इन दिनों इस योजना  में घोटाले के सच उजागर हो रहे हैं। इसे देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रयोगशाला जांच के बाद ही पोषाहार वितरण करने के निर्देश जारी किए हैं।

इतना ही नहीं विभाग ने ये भी निर्देश जारी किए हैं कि बच्चों की थाली में तब तक पोषाहार नहीं परोसा जाए जब तक त्रिस्तरीय जांच नहीं हो जाए। यानि निर्माण के समय स्वयं सहायता समूह प्रतिनिधि प्राथमिक रूप से जांच करेगा। इसके बाद आंगनबाड़ी वर्कर और फिर बाद में जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी इसे देखेंगे।

विभागीय सूत्रों के अनुसार स्कूलों में बंटने वाले पोषाहार और अन्नपूर्णा दूध योजना में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें पहुंची हैं। इस पर विभाग ने चिंता जताई है और प्रयोगशाला जांच की सख्ती से पालना कराने की हिदायत दी है।

ऐसे होगी जांच

जानकारी के मुताबिक पोषाहार निर्माण में दाल, चावल व अन्य न्यूट्रिशियन की एक निश्चित मात्रा है या नहीं, जितनी की विभाग की ओर से निर्धारित है, की जांच की जाएगी।

सबसे पहले कच्चे सामान की गुणवत्ता जांच की जाएगी। फिर रसोई में इसे पकाने का तरीका देखा जाएगा। ये प्रयोगशाला टीम प्रत्येक जिला कार्यालयों पर तैनात होगी।

 

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