सट्टा बाजार में हल्का बदलाव, भाजपा को थोड़ा फायदा लेकिन कांग्रेस से कोसों दूर।
बीकानेर। बीते दो दशक से हर बार सत्ता में परिवर्तन करने वाले राजस्थान चुनावों को लेकर इस बार प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर में लोगों को खासी रुचि है।
भाजपा व कांग्रेस के दस-दस साल सत्ता में रहने के बाद सत्ता की बारी कांग्रेस की है, फलौदी सट्टा बाजार में उसका भाव भी 40 पैसा चल रहा है लेकिन नवरात्रि से पहले व बाद की स्थिति में भाजपा सीधे 30 सीट के फायदे में दिख रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों पर सबकी नजरें टिकी है, सत्ता के इस सेमीफाइनल को लेकर भाजपा व कांग्रेस पूरी ताकत लगा रहे हैं।
राजनीति के जानकार, तमाम चुनावी सर्वे व सट्टा बाजार फिलहाल राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दावा कर रहे हैं लेकिन नवरात्रि से लेकर दशहरा के बीच बिना कोई बड़े घटनाक्रम के भाजपा की सीटों में 30 का सुधार चौंकाने वाला माना जा रहा है। चूंकि प्रत्याशियों की घोषणा व चुनाव प्रचार के बाद स्थिति स्पष्ट होगी इसलिए फलौदी और यहां के सट्टा बाजार में सौदा बहुत कम हो रहा है लेकिन परंपरागत सट्टा बाजार की गणित के मुताबिक कांग्रेस जहां पहले 130 सीट पर चल रही थी वह 120 पर टिकी हुई है, उधर, भाजपा 60 से बढ़कर 75 के करीब पहुंच गई है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार भाजपा को पसंद करने का एक प्रमुख कारण गुजरात में पिछले कई वर्ष से शांति, सुरक्षा व समृद्धि को माना जा रहा है, इसके अलावा मेवात व मारवाड़ में पशुओं की अवैध तस्करी व सांप्रदायिक घटनाओं से भी लोग त्रस्त हैं।
भाजपा नेता अपने चुनाव प्रचार में भी इन चीजों को ज्यादा उछाल रहे हैं। हालांकि सीट के अलावा भाव के मामले में भी कांग्रेस मजबूत स्थिति में है, बाजार के जानकार बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस के नेता पी. चिदम्बरम के बयान की वजह से कांग्रेस की सीटों में कमी बताई जाने लगी है।
वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस ने अभी तक कोई चेहरा नहीं बताया है, ऐसे में राजनीतिज्ञों का मानना है कि अगर कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में आ जाती है तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी के आला पदाधिकारी बना सकते हैं।
इसी बात को ध्यान में रख कर अशोक गहलोत के समर्थकों में काफी रोष हैं और इसी रोष के चलते कांग्रेस को नुकसान होने की बातों पर चर्चा की जा रही है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ दिनों से सट्टा बाजार में भाजपा की सीटें बढ़ती हुई बताई जा रही हैं।