विभाग ने शिक्षकों को अनौपचारिक दिए आदेश
बीकानेर। सरकार की ओर से पांच सितम्बर को आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में अगर शिक्षक नहीं गए तो उनका वेतन कटेगा। विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में शिक्षकों को अनौपचारिक आदेश दिए हैं। वेतन कटने की लटकी तलवार की वजह से जिले के करीब दो हजार शिक्षक जयपुर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार की ओर से पिछले साढ़े चार वर्षों में चलाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं में जितने लोग लाभान्वित हुए हैं। उन सभी को चुनावी वर्ष के अन्त में भुनाने का कार्य प्रदेश की सरकार तीव्रता से कर रही है। बसों के माध्यम से कई बार लाभार्थियों को जिलों से राजधानी तक ढोया जा चुका है और अभी भी सरकार इसी काम में लगी दिखाई दे रही है।
लाभार्थियों पर अहसास करवाने की इसी कोशिश में चार सितम्बर को प्रदेश सरकार जयपुर में अमरूदों के बाग में नए नियुक्त हुए सफाई कर्मियों से संवाद करेगी। इसके बाद पांच सितम्बर को वहीं प्रदेश भर के नवचयनित शिक्षकों को भी जयपुर बुलाया गया है।
पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में यह आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में वर्ष-2013 के बाद नियुक्त हुए यानी भाजपा की सरकार के शासन में नौकरी पाने वाले तकरीबन 80 हजार शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
शिक्षकों की भीड़ एकत्र करने के लिए शिक्षा विभाग हरसंभव कोशिशों में जुटा हुआ है। क्योंकि इसको लेकर सरकार से सख्त भाषा में आदेश विभाग को प्राप्त हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों की भीड़ जुटाने के लिए विभाग की ओर से इन शिक्षकों को अनौपचारिक रूप से वेतन कटौती की धमकी भी दी जा रही है। हालांकि भरतपुर और श्रीगंगानगर के शिक्षा अधिकारियों ने कार्यक्रम में नहीं जाने वाले शिक्षकों के वेतन काटने के आदेश भी जारी कर दिए थे। लेकिन बीकानेर सहित अन्य जिलों में शिक्षा अधिकारी वेतन काटे जाने के आदेश नवनियुक्त शिक्षकों को अनौपचारिक रूप से देने में लगे हैं।
राज्य स्तरीय यह आयोजन विफल ना हो जाए इसके लिए शिक्षा अधिकारियों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चार दिनों पहले ही कार्यमुक्त के आदेश जारी किए जाने की बात भी सामने आ रही है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में चार दिनों तक अवकाश रहेगा।