भाजपा की ओर से 131 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने के बाद पार्टी में विरोध होना शुरू हो गया है।
आज प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेन्द्र गोयल और पार्टी के पूर्व प्रदेश मंत्री कुलदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भेज दिया है।
बीकानेर। भाजपा आलाकमान की ओर से रविवार को प्रत्याशियों की घोषणा करने के बाद से ही पार्टी के कई नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया था। प्रत्याशियों की घोषणा हुए अभी 24 घंटें ही बीते थे कि पार्टी के एक मंत्री और एक पूर्व प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी ने अपना इस्तीफा प्रदेशाध्यक्ष को भेज दिया। इतना ही नहीं पार्टी के एक मंत्री ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का एलान भी कर दिया है।
गौरतलब है कि वसुन्धरा सरकार में अभी जल संसाधन मंत्री पद पर तैनात सुरेन्द्र गोयल ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भेज दिया।
उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को भेज दिया। ज्ञात रहे कि सुरेन्द्र गोयल जैतारण से विधायक हैं। इस बार पार्टी आलाकमान ने उनका टिकट काटते हुए अविनाश गहलोत को इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतार दिया।
बताया जा रहा है कि अपना टिकट कटने पर गोयल ने कहा है कि वे आरएसएस के कहने पर नहीं चलते हैं, इसलिए पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। लेकिन जनता उनके साथ है। इसलिए वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे और 17 नवम्बर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
वहीं दूसरी ओर पार्टी के पूर्व प्रदेश मंत्री कुलदीप धनखड़ ने भी अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस बार भी टिकट नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपना इस्तीफा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भेज दिया।
धनखड़ जयपुर के ग्रामीण इलाके विराट नगर से टिकट मांग रहे थे। धनखड़ पिछले काफी समय से विराट नगर में कार्य कर रहे थे। पार्टी ने विराट नगर से इस बार फिर से डॉ. फूलचन्द भिंडा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
गौरतलब है कि रविवार रात को पार्टी आलाकमान की ओर से जारी 131 प्रत्याशियों की सूची में दो मंत्रियों के और 13 विधायकों के टिकट काटे गए हैं।