विधानसभा में गूंजा स्वाइन फ्लू, गंभीरता नहीं आरोपों की रही बौछार

जयपुर thenews.mobilogicx.com

विधानसभा की शुरुआत हंगामों से हुई। हैरत की बात तो यह रही कि राजस्थान में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों पर यह हंगामा हुआ। हैरत इसलिए की जहां मुद्दे समाधान के लिए उठाए जाते हैं वहीं दोनों दल एक-दूसरे पर मौतों के आंकड़े और लापरवाही के आरोप लगाने में व्यस्त दिखाई दी।

राजस्थान में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों, चिकित्सा विभाग में कथित भ्रष्टाचार और शिक्षा विभाग में भर्तियों को लेकर विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ। मामले को लेकर पक्ष व प्रतिपक्ष के सदस्यों के बीच कई बार तीखी नोंकझोंक हुई। पन्द्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले प्रश्नकाल में विधायक हनुमान बेनीवाल की ओर से स्वाइन फ्लू का मामला उठाने के साथ सदन में हंगामे की शुरूआत हुई।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक पुखराज ने भोपालगढ़ में चिकित्सकों के खाली पदों को लेकर सवाल पूछा था। इस पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जवाब दिया। इसी दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वाइन फ्लू से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। बेनीवाल ने कहा पूर्ववर्ती सरकार के समय विभाग के मंत्री की जिद के चलते सौ दिन चिकित्सक हड़ताल पर रहे।

तत्कालीन मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। इसको लेकर भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद हुए शून्यकाल में फिर उठे स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जवाब दिया कि स्वाइन फ्लू एक मौसमी बीमारी है। बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है। पिछले पांच वर्षों के आकड़े उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने 29 दिसम्बर को बैठक ली थी।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जोधपुर में विभाग की दो टीमें रवाना की गई। सात और नौ जनवरी को मैने टास्क फोर्स की बैठक ली। जहां भी स्वाइन फ्लू का केस आता है, वहां विभाग स्क्रीनिंग कर रहा है। आज से लेकर 23 जनवरी तक बीमारी की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहले पिछली सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे विधायक कालीचरण सराफ ने मामला उठाते हुए कहा कि जनवरी माह के 20 दिन में 1233 पॉजिटिव केस सामने आए हैं और 50 लोगों की मौत हो चुकी है।

पूरे देश में जहां 75 मौतें हुईं, वहीं 50 मौतें अकेले राजस्थान में हुई। इसी तरह पूरे देश में 2000 पॉजिटिव प्रकरणों में से 1200 प्रकरण अकेले राजस्थान के हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय भी स्वाइन फ्लू और चिकित्सा विभाग में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सदन में मामले उठते रहे। आज सदन में इसी की पुनरावृत्ति हुई। अंतर सिर्फ इतना है कि पहले विभाग में कथित भ्रष्टाचार के मामले प्रतिपक्ष के सदस्य उठाते थे, अब सरकार के मंत्री पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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