हंगामों भरी निगम की साधारण बैठक, अपनों से ही घिरे महापौर

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Bikaner / thenews.mobilogicx.com

शहर की सरकार के लिये तैयार किया जाने वाला बजट महज कागजों तक ही सीमित है। इसके प्रावधानों को लेकर न तो महापौर और न ही निगम प्रशासन गंभीर है। जिससे प्रत्येेक वर्ष पारित किये जाने वाले बजट में आधा भी खर्च नहीं हो पाता। इन शब्दों के तीर का सामना आज महापौर नारायण चोपडा को करना पड़ा। जब नगर निगम की बजट बैठक में भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों ने बजट प्रावधानों को लेकर महापौर को खरी खरी सुनाई। निगम में प्रतिपक्ष नेता जावेद पडिहार ने पिछले तीन सालों के आंकड़ों को सदन पटल पर रखते हुए कहा कि जिन मदों से आय के प्रस्ताव होते है वहां से पूरी आय नहीं होती और जहां खर्च करना प्रस्तावित होता है वहां उसके अनुरूप खर्च नहीं किया जाता। पडिहार ने आरोप लगाया कि निगम के वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट में कुछ मदों में आय होने का अनुमान लगाया गया। बाद में उन मदों से अनुमानित आय नहीं मिली। बजट में विवाह स्थल पंजीयन से 10 लाख रुपए, मल निकासी से 5 लाख रुपए और अन्य अनुदान से 50 लाख रुपए प्राप्त होने थे लेकिन नहीं मिले।

महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि नगर निगम शहर के चहुमुंखी विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। निगम की ओर से स्वीकृत कार्य शुरू हों। चालू काम समय पर पूरे हों, इस पर बजट में ध्यान रखा गया है। वहीं निगम क्षेत्र में तीसरे फायर स्टेशन को शुरू करवाना, निगम परिसर में नई बिल्डिंग के निर्माण और गोशाला को शुरू करेंगे। बजट से शहर का हित समाहित है। वहीं निगम नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार ने कहा कि निगम के पिछले चार वर्षों के बजट से शहर की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है और ना ही निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। संसाधनों की कमी बनी हुई है। बजट धरातल से दूर, महज कागजी नजर है। इस बजट से भी शहर का भला होगा, हमें उ मीद नहीं है।

उपमहापौर सहित अपने ही बैठे धरने पर

वार्डों में विकास कार्यों से नाराज सताधारी पार्षदों ने सदन में धरना शुरू कर दिया। उपमहापौर अशोक आचार्य सहित भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों ने अपने अपने वार्डों में विकास कार्य नहीं होने पर नाराजगी जताई और पिछले चार वर्षों में महापौर पर पार्षदों की उपेक्षा का आरोप लगाया। भाजपा पार्षदों ने महापौर नारायण चोपडा की कार्यशैली के विरोध लगाकर सदन की कार्यवाही एकबारगी रोक दी।

शिकायत को लिखित में देने की बात पर भड़के

सदन में चर्चा के दौरान पार्षद नरेश जोशी,ताहिर हुसैन व भगवती प्रसाद गौड़ ने वार्डों में एलईडी लाईटें नहीं लगाने तथा अन्य विकास कार्य नहीं करवाने की शिकायत की तो महापौर ने दो टूक भाषा में जबाब दिया कि आप लिखित में अपनी शिकायत दे तो कार्यवाही की बात होगी। इस पर भाजपाई पार्षद भड़क गये और शोर करने लगे की पिछले चार सालों में कितनी बार लिखित में दिया। इसकी जानकारी तो ले ले। एक पार्षद ने तो यहां तक कह दिया कि लिखित शिकायत देने के अलावा आपके कार्यकाल में हमने कुछ नहीं किया।

बजट केवल कागजों में

प्रतिपक्ष नेता जावेद पडिहार,भाजपा पार्षद नरेश जोशी व दिनेश उपाध्याय ने महापौर पर भडास निकालते हुए कहा कि वार्डो में पोल खाली है,पुष्करणा सावे के आगाज हो चुका है। लेकिन शहर में न तो नाली निर्माण कार्य शुरू हुए है और न ही बंद पड़ी एलईडी लाईटें चालू हुई है। जोशी ने कहा कि जिन पोलो से लाईटें चोरी हुई है। उसका लेखा जोखा भी निगम के पास नहीं है। यहीं नहीं निगम प्रशासन की ओर से चोरी हुई एलईडी लाईटों की एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है और बजट में प्रावधानों की बातें कर रहे है। बजट तो केवल कागाजों तक ही सीमित है। पिछले बजट के प्रावधान भी आज तक धरातल पर नहीं उतरे।

रखा प्रावधान, राशि खर्च नहीं

भाजपा पार्षद राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट में कई कार्यो के लिए राशि का प्रावधान रखा लेकिन, राशि खर्च नहीं हो पाई। निगम के व्यय विवरण के अनुसार बिजली के रख-रखाव का अनुबंध के लिए 10 लाख रुपए, बिजली सामान की खरीद के लिए 15 लाख, निगम की ओर सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपए, सड़क-नालियों का रख रखाव के लिए 1 करोड रुपए, विद्युत सौन्दर्यकरण के लिए 10 लाख रुपए, बकाया बिलों के भुगतान के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया, लेकिन इनके अनुसार किसी पर खर्च नहीं किया गया।

बजट में ये प्रावधान

वित्तिय वर्ष 2019-20 का प्रस्तावित बजट 282 करोड़ है। इसमें विकास कार्यों के लिये एक सौ उन्तालिस करोड़ सत्तर लाख पचास हजार का प्रावधान रखा है। जिसमें सभी योजनाओं में होने वाले विकास कार्य समाहित है। सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के अन्तर्गत एलईडी का 300 करोड़ का सात वर्ष के लिये मेन्टीनेंस सहित है। इसके अलावा शिववैली में एक अग्निशमन फायर स्टेशन निर्माण करने का प्रावधान रखा गया है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 139 करोड़ के काम किये जायेंगे। निराश्रित पशुओं की समस्या के निराकरण के लिये 96 लाख की लागत से एक गौशाला करा निर्माण करवाया जायेगा।

 

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