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पीएम ने कुंभ में सफाई अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि 22 करोड़ लोगों के बीच सफाई बड़ी जिम्मेदारी थी, अपने साबित किया कि दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं। ये सफाईकर्मी बिना किसी की प्रशंसा के चुपचाप अपना काम कर रहे थे। लेकिन इनकी मेहनत का पता मुझे दिल्ली में लगातार मिलता रहता था।
कुंभ मेले में सम्मिलित होने प्रयागराज आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ के स्वच्छता अभियान में लगे सफाईकर्मियों की तारीफ करते हुए दिव्य कुंभ के आयोजन के लिए उन्हें बधाई दी। पीएम ने कहा कि सफाईकर्मियों ने अपने प्रयासों से कुंभ के विशाल क्षेत्र में साफ-सफाई को पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया।
इससे पहले पीएम ने संगम में डुबकी लगाने के बाद सफाईकर्मियों के पैर धुले। संगम में डुबकी लगाने और गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, प्रयाग की भूमि पर आकर मैं अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।
इस बार संगम में स्नान और पूजा करने का सौभाग्य मिला है। प्रयागराज का तप और तप के साथ इस नगरी का युगों पुराना नाता रहा है। पहले कुंभ के लिए अस्थायी व्यवस्था होती थी, लेकिन इस बार स्थायी की गई है। प्रयागराज पहुंचे पीएम मोदी ने कहा, कुंभ में हठ योगी भी हैं, तप योगी भी हैं, मंत्र योगी भी हैं और इन्हीं के बीच मेरे कर्मयोगी भी हैं। ये कर्मयोगी मेले की व्यवस्था में लगे वे लोग हैं, जिन्होंने दिन-रात मेहनत की।
कर्मयोगियों में प्रयागराज के लोग भी शामिल हैं, नाविक भी शामिल हैं। स्वच्छाग्रही भी शामिल हैं। इन्होंने अपने प्रयासों से कुंभ के विशाल क्षेत्र में साफ-सफाई को पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया। पीएम ने कुंभ में सफाई अभियान की तारीफ करते हुए कहा, 22 करोड़ लोगों के बीच सफाई बड़ी जिम्मेदारी थी, अपने साबित किया कि दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं।
ये सफाईकर्मी बिना किसी की प्रशंसा के चुपचाप अपना काम कर रहे थे। लेकिन इनकी मेहनत का पता मुझे दिल्ली में लगातार मिलता रहता था। लोग कुंभ की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। इस प्रशंसा के हकदार आप हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने डुबकी लगाने के बाद पांच स्वच्छाग्रहियों (तीन पुरुष, दो महिलाओं) यानी सफाईकर्मियों के पैर धुलकर, उनका आशीर्वाद लिया।
सफाई कर्मचारियों के पैर धुलकर पीएम मोदी ने उनके पैर पोछे और उन्हें एक शॉल भी भेंट की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे उनका हालचाल भी जाना और कुंभ में स्वच्छता की व्यवस्था को देखते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने साउथ कोरिया में मिले सोल शांति पुरस्कार की राशि को नमामि गंगे प्रॉजेक्ट को समर्पित किया। पीएम ने कहा, शांति पुरस्कार के तौर पर मिली लगभग एक करोड़ 30 लाख रुपये की राशि को मैंने खुद के लिए नहीं रखा, बल्कि नमामि गंगे प्रॉजेक्ट को समर्पित कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, इस बार कुंभ आने वालों में मां गंगे की निर्मलता को लेकर काफी चर्चा है। आज इसका अनुभव मैंने खुद किया है। देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। गांधी जी ने 100 वर्ष पहले स्वच्छ कुंभ की इच्छा जताई थी। देशवासियों के सहयोग से स्वच्छ भारत अभियान अपने तय लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। इस बार 2 अक्टूबर से पहले पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सफाईकर्मियों के लिए स्वच्छ सेवा कोष की घोषणा करते हुए कहा, आज स्वच्छ सेवा कोष की भी घोषणा की गई है। इस कोष से आपके परिवार को विशेष परिस्थितियों में मदद सुनिश्चित हो पाएगी। यह देशवासियों की तरफ से आपका आभार है।
इस बार कुंभ की पहचान स्वच्छ कुंभ के तौर पर हुई तो केवल सफाई कर्मचारियों के कारण यह संभव हो सका। पीएम मोदी ने कहा, दिव्य कुंभ को भव्य कुंभ बनाने में आपने कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां 1 लाख से ज्यादा शौचालय हों, 20 हजार से ज्यादा कूड़ादान हो, वहां काम कैसे हुआ इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। आज मेरे लिए भी ऐसा ही पल है जो भुलाया नहीं जा सकता। आज जिन सफाईकर्मी भाइयों-बहनों के चरण धुलकर मैंने वंदना की है, वह पल मेरे साथ जीवनभर रहेगा।
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