स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की भी होगी तलाश
बीकानेर। प्रदेश में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अब शिक्षा विभाग और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ेंगे। इसके लिए दोनों विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाएंगे।
जानकारी के मुताबिक अभी तक प्रदेश में कितने विशेष बच्चे आवश्यकता वाले हैं, इसका विभाग के पास कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है। अब संदर्भ व्यक्ति और विशेष शिक्षक स्कूलों से जानकारी के आधार पर इन बच्चों के घर जाकर इनका डेटा तैयार करेंगे।
ऐसे विशेष बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे हैं या फिर बीच में पढ़ाई छोड़ दी है, उनका स्कूल में दाखिला कराएंगे।
प्रदेश में कक्षा एक से 12 में पढ़ने वाले, आउट ऑफ स्कूल व ड्रॉप आउट ऐसे सभी विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों का चिन्हिकरण किया जाएगा। इसके बाद इनका स्कूलवार अपडेशन किया जाएगा, जिससे प्रदेश भर के विशेष बच्चों की सूचना रिपोर्ट तैयार होगी। इसी आधार पर इनके लिए विशेष शिक्षक, किताबें व अन्य सुविधाओं में इजाफा हो सकेगा।
21 तरह की श्रेणियों में विशेष बच्चों का चिन्हिकरण
जानकारी के मुताबिक सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े संदर्भ व्यक्ति और विशेष शिक्षा के शिक्षक जुलाई और अगस्त में इन विद्यार्थियों के चिन्हिकरण के लिए प्रत्येक स्कूल से डेटा तैयार करेंगे।
अब विशेष बच्चों का चिन्हिकरण भी 21 तरह की श्रेणियों में होगा। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के चिन्हिकरण के लिए डाइस फीडिंग की जाएगी, इसी के आधार पर प्रदेश भर के विशेष बच्चों का डेटा तैयार होगा।
विभाग ने कार्मिकों को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी विशेष बच्चा इस सूची से छूटे नहीं। एक अनुमान के मुताबिक कुल जनसंख्या के करीब दो प्रतिशत बच्चे विशेष आवश्यकता के संभावित हैं।