बांटे तेरुंडे, दान-पुण्य कर मनाई मकर संक्रांति

बीकानेर thenews.mobilogicx.com

दान और पुण्य के महापर्व मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में अच्छी खासी रौनक रही. मंदिरों में श्रद्धालुओं ने तिल मिश्रित खाद्य व सुहाग सामग्री सहित 13 प्रकार की वस्तुएं दान की।

शहर में मकर संक्रान्ति के पर्व पर कई तरह के धार्मिक आयोजन किए गए. जहां लोगों ने गायों को चारा डालाकर पुण्य कमाया. वहीं सेवा संस्थाओं ने लोगों के लिए भण्डारे का भी आयोजन किया।

बीकानेर में लक्ष्मीनाथ मंदिर, पब्लिक पार्क स्थित शनिदेव मंदिर, जूनागढ़ के बड़ा हनुमान मंदिर, गढ़ गणेश, नागणेचीजी तथा शिवबाड़ी सहित अनेक मंदिरों में दान-पुण्य का दौर चला।

जरूरतमंदों में राशन व सब्जियां वितरित

जरूरतमंद की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। सेवा का गुण व्यक्तित्व को दर्शाता है। यह बात मंगलवार को प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति की जिलाध्यक्ष डॉ. अर्पिता गुप्ता ने कही। डॉ. अर्पिता ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर समिति के सदस्यों द्वारा भगवानपुरा बस्ती के पंचमुखा हनुमान मंदिदर में सेवा कार्य किए गए। इस अवसर पर 100 जरूरतमंद बालक-बालिकाओं को नए कपड़े, आटा, दाल, चावल, मसाले, सब्जिया आदि खाद्य सामग्री वितरित की गई। इस राशन वितरण के दौरान पूनम थिर्रानी, रूचि सेतिया, सोनू धानुका, शेखावत, रितु गोम्बर, डॉ. पूजा अग्रवाल, अंकिता गोम्बर, स्मिता अग्रवाल, अपर्णा गुप्ता उपस्थित रही। कमला प्रजापत, भारती अरोड़ा, सीता राजपूत, रमेश सियोटा तथा वीरेन्द्र राजगुरु का सक्रिय योगदान रहा।

सूर्य ने किया मकर राशि में प्रवेश

मान्यता है कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुआ परिवर्तन अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है. प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतना एवं कार्यशक्ति में वृद्धि होती है. इसलिए पूरे भारत में इस अवसर पर लोग विविध रूपों में सूर्य की उपासना करते हैं. इसी के साथ इस दिन अन्न की पूजा होती है और प्रार्थना की जाती है कि हर साल इसी तरह हर घर में अन्न-धन भरा रहे. इसी के साथ हर कोई इस पर्व को अपने रीति-रिवाजों के अनुसार मनाता है।

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