लालेश्वर महादेव मंदिर में दस जुलाई को हुआ रुद्राभिषेक, असल में 30 जुलाई को होगा
जारी किया 2017 का कैलेण्डर, हकीकत में 28 जुलाई से शुरू होगा सावन
जयपुर/बीकानेर। भगवान की सेवा-पूजा संभालने वाला देवस्थान विभाग ही भगवान भोलेनाथ के साथ छल कर रहा है। हिन्दू कैलेण्डर के हिसाब से सावन अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन देवस्थान विभाग ने अपने कैलेण्डर में सावन शुरू होने से पहले ही महादेव के रुद्राभिषेक करवा दिए हैं।
दरअसल, देवस्थान विभाग ने 33 जिलों में सावन महीने में होने वाले रुद्राभिषेक के लिए पिछले साल यानि 2017 के रुद्राभिषेक का कैलेण्डर कॉपी कर लिया है। इसमें दस जुलाई को पहला सोमवार है और दस जिलों में पहले सोमवार को रुद्राभिषेक होना दर्शाया है।
इसमें विभाग ने साल तो बदल दिया लेकिन तारीख और महीना बदलना भूल गया। इसके चलते विभाग ने पुराना कैलेण्डर जारी कर दिया। यही नहीं रुद्राभिषेक करवाने के लिए उसी कैलेण्डर को संस्कृत अकादमी को भेज दिया।
अकादमी ने भी देवस्थान विभाग की गलती पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में मंदिरों में सिर्फ कागजी रुद्राभिषेक किए जा रहे हैं। हकीकत में सावन के पहले सोमवार यानि 30 जुलाई को रुद्राभिषेक इन सरकारी मंदिरों में करवाया जाएगा।
ये है मामला
देवस्थान विभाग दो साल से सावन में 33 जिलों में अपने ही विभाग के शिवालयों में रुद्राभिषेक करवा रहा है। विभाग ने 12 लाख 36 हजार रुपए के बजट स्वीकृत कर रुद्राभिषेक करवाने की जिम्मेदारी संस्कृत अकादमी को दी। साथ ही कार्यक्रम की लिस्ट भी भेज दी।
कैलेण्डर के मुताबिक सावन 10 जुलाई से शुरू हो गया है। देवस्थान विभाग के कैलेण्डर के अनुसार 10,17, 21, 24 और 31 जुलाई को रुद्राभिषेक होना बताया गया है।
कागजों में हो गया रुद्राभिषेक
विभाग के कैलेण्डर के हिसाब से बीकानेर में लालेश्वर महादेव मंदिर में 10 जुलाई को कागजी रुद्राभिषेक हो चुका है। साथ ही जयपुर के श्रीप्रतापेश्वर महादेव, शिवजी दुर्गा मंदिर-हनुमानगढ़, भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव, अजमेर के शांतेश्वर महादेव, कोटा के नीलकण्ठ महादेव, उदयपुर के महाकालेश्वर महादेव मंदिर, बांसवाड़ा के बेणेश्वर धाम और एकादश रुद्र उत्तरकाशी में भी रुद्राभिषेक हो चुके हैं। जबकि हकीकत में यहां सावन के पहले सोमवार यानि 30 जुलाई को रुद्राभिषेक होंगे।