दो खेमों में बंटी नजर आ रही पार्टी
बीकानेर/जयपुर। विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले कांग्रेस के दिग्गजों में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान बढ़ गई है। कांग्रेस आलाकमान अब तक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के चेहरे और सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ने की बात कहता आ रहा है। लेकिन पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री लालचंद कटारिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीएम पद का चेहरा घोषित करने की मांग कर पार्टी नेतृत्व के सामने दुविधा उत्पन्न कर दी है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक कटारिया ने कहा था कि ‘यदि गहलोत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया गया तो कांग्रेस चुनाव में जीती हुई बाजी हार जाएगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है। कार्यकर्ताओं का असमंजस दूर करने के लिए गहलोत को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करके चुनाव लड़ा जाना चाहिए।’ दो दिन पहले दिल्ली में गहलोत से मुलाकात के बाद कटारिया ने जयपुर पहुंचकर कहा कि ‘भाजपा सरकार से लोगों में नाराजगी जबरदस्त है, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व गहलोत के हाथ में होना चाहिए।’
उधर, कटारिया के बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने पार्टी द्वारा तय की गई गाइड लाइन पार करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पांडे ने कहा कि कटारिया से उनके बयान के बारे में जवाब मांगा जाएगा।
पायलट के समर्थक भी कर चुके ऐसी ही मांग
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल और पूर्व सांसद डॉ. हरिसिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की थी।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विधायक विश्वेन्द्रसिंह ने किसी भी एक नेता को आगे कर चुनाव लड़ने की मांग करते हुए पार्टी आलाकमान को पत्र लिखा था। विश्वेन्द्रसिंह ने पीसीसी की बैठक में सचिन पायलट के समर्थन में नेताओं के हाथ भी खड़े करवाए थे।
गहलोत खुद कह चुके हैं ‘चेहरा सामने है’
अभी हाल ही में उदयपुर में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी के सीएम पद के चेहरे को लेकर की जा बयानबाजी का जवाब देते हुए अपना नाम लिए बगैर कहा था कि ‘पिछले दस साल से मुख्यमंत्री के रूप में चेहरा सामने है, अब किस चेहरे की तलाश है।’
गहलोत के इन बयानों के बाद भी पार्टी में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। गहलोत समर्थक तो इसको लेकर काफी खुश हैं लेकिन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पायलट खेमे में इस बयान को लेकर आशंकाओं के बीच चर्चाएं होने लगी हैं।
समर्थक कर रहे लॉबिंग
राज्य विधानसभा चुनाव निकट आते देख पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थकों ने अपने-अपने नेता के पक्ष में लॉबिंग तेज कर दी है।
पायलट के समर्थन में पूर्व सांसद गोपालसिंह, पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल, राजेन्द्र चौधरी, माधोसिंह दीवान और लक्ष्मणसिंह कांग्रेसी नेताओं को एकजुट करने का प्रयास कर रहे है।
वहीं, गहलोत खेमे की कमान कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक, परसादी लाल मीणा ने संभाल रखी है।











