जयपुर। लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को कांग्रेस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी। साथ ही-2013 के विधानसभा चुनाव में 30 हजार से ज्यादा मतों से हारने वाले नेताओं को भी टिकट नहीं मिलेगा। पार्टी के इस फार्मूले से कई दिग्गज नेता टिकट की रेस से बाहर हो जाएंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की पिछले दिनों कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद यह फार्मूला तैयार किया गया है।
कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव के अनुसार, लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने का फार्मूला काफी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। अब इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। बताया जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में भी यही फार्मूला तय किया गया था।
अगर यह फार्मूला लागू कर दिया जाता है तो राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला, डॉ. चंद्रभान, रिछपाल मिर्धा, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा, चंद्रशेखर बैद, रामचंद्र सराधना, बनवारी लाल शर्मा और आलोक बेनीवाल आदि के टिकट कटने की संभावना बन गई है। हालांकि, पार्टी में अभी इसे लेकर मंथन का दौर जारी है।
राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि इस फार्मूले को लागू होना मानकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तो दूसरे दलों के शीर्ष नेताओं से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं की दूसरे दलों में शामिल होने की संभावनाएं भी काफी बढ़ गई हैं।
दिल्ली भेजी नेताओं की सूची
सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने लगातार दो बार चुनाव हारने वाले नेताओं की सूची राहुल गांधी के कार्यालय को भेज दी है। अगले महीने इन नेताओं के साथ दिल्ली में राहुल गांधी बैठक करेंगे।