संभावित प्रत्याशियों के नामों पर नहीं हो रही चर्चा
बीकानेर। प्रदेश में चार महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट वितरण के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी को अब प्रदेश चुनाव समिति (पीइसी) की घोषणा का इंतजार है।
पीइसी के अभाव में स्क्रीनिंग कमेटी अपने काम को गति नहीं दे पा रही है। क्योंकि प्रदेश चुनाव समिति सदस्यों के साथ ही संभावित नामों पर ही स्क्रीनिंग कमेटी मंथन करेगी। इसके बाद उन नामों को एआईसीसी भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि एआईसीसी की ओर से जल्दी ही प्रदेश चुनाव समिति की घोषणा कर दी जाएगी। वैसे तो स्क्रीनिंग कमेटी का एक दौरा 23 जुलाई को हो चुका है, जिसमें स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा, सदस्य ललितेश त्रिपाठी और शाकिर सनादी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के साथ चुनाव को लेकर चर्चा की थी।
जानकारों के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य 7 अगस्त को फिर से जयपुर आएंगे और नेताओं तथा कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की विशेष भूमिका रहती है। प्रदेश के कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं, पार्टी के चारों अग्रिम संगठनों के प्रदेशाध्यक्षों को कमेटी में शामिल किया जाता है। लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा नेता प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य होते हैं, जो जिलाध्यक्षों, प्रभारियों से मिले फीडबैक के आधार पर सीट पर तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करते हैं।
इसके बाद उसे स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपा जाता है। प्रदेश चुनाव समिति सदस्यों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी उन नामों पर मंथन करती है और उसके बाद उन नामों को सैंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) को भेजा जाता है।
महिला कांग्रेस को ‘एक्टिव’ करने की कवायद
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महिला कांग्रेस की भागीदारी और संगठन को चुस्त-दुरूस्त करने की कवायद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक महिला कांग्रेस में जान फूंकने के लिए 7 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर की महिला कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल होंगी। इस अधिवेशन को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव सहित कई वरिष्ठ नेता भी सम्बोधित करेंगे।
अधिवेशन में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामले, मॉब लिचिंग जैसे मामलों पर भी चर्चा होगी। अधिवेशन में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू करने की मांग भी उठाई जाएगी।











