Pawan Bhojak / thenews.mobilogicx.com
कांग्रेस की करारी हार ने सबके मुंह बंद कर दिए हैं। कहीं कोई थोड़ी बहुत उम्मीद जहां दिखाई दे रही थी वहां भी कांग्रेस को भारी शिकस्त मिली है। राजस्थान में जहां कुछ समय पहले हुए विधानसभा चुनावों में कांगे्रस की सरकार बनी थी, वहां लोकसभा चुनावों में सारी 25 सीटें भाजपा के खाते में चली गईं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे की सीट को भी नहीं बचा पाए, कई दिग्गज धराशाही हो गए। इस हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल स्वयं भी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। साथ ही पार्टी में देशभर से इस्तीफों की बौछार लग गई है।
अब तक करीब 13 नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष के पास भेज दिया है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। हालांकि राहुल के इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस पार्टी ने अभी चुप्पी साध रखी है।
महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी अशोक चव्हाण ने लोकसभा चुनाव नतीजों के अगले ही दिन इस्तीफा देने की बात कही थी। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड कांग्रेस चीफ अजय कुमार और असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सोमवार को अपने इस्तीफे कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे हैं।
इससे पहले राज बब्बर और कमलनाथ ने भी नैतिक जिम्मेदारी कहते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार और असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा है।
इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रों से भी पार्टी के विभिन्न पदों से कांग्रेस नेताओं ने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण इस्तीफे दिए हैं. यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक और महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ अशोक चव्हाण भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं।
अब पार्टी में अस्तित्व को बचाने की लड़ाई है, इस मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात की, वहीं राहुल गांधी के इस्तीफे की मांग पर मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी ने भी मुलाकात कर समझाइश की।