बीकानेर से दो मंत्री, फिर भी बजट में कुछ नहीं मिला : रांका
नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि कांग्रेस ने अपनी साख बचाने के लिए दिखावटी बजट पेश किया है। योजनाएं तो अनेक जनता के समक्ष पेश की है लेकिन उन योजनाओं को जमीन पर क्रियान्वित करना कांग्रेस के बूते से बाहर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता को बजट से सम्मोहित करने का प्रयास किया है, लेकिन सीएम गहलोत की यह भूल है। जनता जागरूक है। रांका ने बताया कि राजकोषीय घाटा व कर्ज में डूबोने वाली कांग्रेस का यह बजट बेहद निराशाजनक है। खासतौर पर देखें तो बीकानेर से दो-दो मंत्री होने के बावजूद बीकानेर को कुछ नहीं मिलना आश्चर्यजनक है।
थोथी घोषणाओं वाला बजट : अविनाश जोशी
भाजपा आईटी विभाग के प्रदेश संयोजक अविनाश जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किए गए बजट को दिशाहीन और आंकड़ों का मायाजाल बताया है। उन्होंने कहा कि बजट, घरातल से दूर है। इसमें सिर्फ घोषणाएं की गई हैं, लेकिन इनके क्रियान्वयन की रूपरेखा का कोई निर्धारण नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक किसान ऋण माफी के 13 हजार 500 करोड़ बकाया हैं। ठेकेदारों के बिलों का लगभग 40 हजार करोड़ का भुगतान करना है। अगले वर्ष का राजकोषीय घाटा 32 हजार करोड़ का प्रस्तावित है। इसका मतलब इन घोषणाओं को पूरा करने में सरकार को कम से कम 86 हजार करोड़ रुपये के नए ऋण लेने पड़ेंगे, जो प्रदेश की दृष्टि से सर्वाधिक होगा। उन्होंने कहा कि बिजली के लिए दस वर्षीय कार्ययोजना का खयाली पुलाव पकाकर, प्रदेश की जनता को धोखे में रखा गया है। सरकार का शिक्षा पर कोई फोकस नहीं है और सिर्फ पचास नए प्राथमिक विद्यालय खोले जाने की घोषणा की गई है। प्रदेश को आयुष्मान भारत जैसी ऐतिहासिक योजना से वंचित रखकर सरकार ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के हितों पर कुठाराघात किया है। संविदा कार्मिकों को नियमित करने के संबंध में बजट में कोई जिक्र तक नहीं किया गया है।
कांग्रेस ने घाटों और कर्जों की सौगात दी है : शेखावत
राजस्थान के बजट में मुख्यमंत्री ने घोषणाएं ही घोषणाएं की है। ये घोषणाएं धरातल पर कैसे उतरेगी इसका कोई ठोस आधार नहीं बताया है। कुल मिलाकर यह बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपनो जैसा है। पुरानी योजनाओं के नाम बदलकर नई बोतल में पुरानी शराब परोसी गई है। 27 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा और 52 हजार करोड़ का कर्ज राज्य पर डालकर आर्थिक हालात को बिगाडऩे का काम किया है। पश्चिमी राजस्थान में न तो पेयजल की कोई ठोस योजना दी है न ही इंदिरा गांधी नहर के पानी को प्रदूषण मुक्त करने की कोई कार्ययोजना पेश की है। किसान के सम्पूर्ण कर्जमाफी और सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते पर मौन राजस्थान के आम मतदाता के साथ धोखा है। गहलोत ने हमेशा की तरह ही बीकानेर के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। पानी बिजली और उच्च शिक्षा के मंत्री बीकानेर को कुछ नहीं दिला पाए।
बीकानेर के दोनों मंत्री विफल साबित हुए : भोजक
बीकानेर भाजपा महिला नेत्री कामिनी भोजक ने बजट पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि बजट में लोगो को भ्रमित कर आंकड़ों में लपेटा गया एक छलावा मात्र है। किसानों के लिए नए-नए वादे किए गए हैं जबकि सत्ता प्राप्त करते ही 10 दिन में किसानों की कर्जमाफी पर भी अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है। बजट में बीकानेर के साथ फिर सौतेला व्यवहार किया गया है पेश किए गए बजट प्रावधानों में बीकानेर के हिस्से एक भी योजना ना देना वो भी उस परिस्थिति में जब बीकानेर से दो-दो मंत्री हो। बीकानेर के मंत्री भी अपनी क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित योजनाओं को बजट में स्थान ना दिला पाना उनकी विफलता को दर्शाता है। कुल मिलाकर यह बजट सरकार की नियति पर ही सवाल खड़े करता हुआ निराशाजनक बजट है।
जनता को गुमराह करने वाला बजट : आरती आचार्य
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा प्रदेश मीडिया प्रभारी आरती आचार्य ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया यह बजट महज घोषणाओ का पुलिंदा है बजट दिशा हीन है। गहलोत अपनी चुनावी घोषणाओं पर अमल करे जिससे जनता को भ्रमित कर सत्ता हासिल की थी। भाजपा शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य पेयजल सिंचाई कृषि किसान विद्युत आपूर्ति और सड़क तन्त्र मजबूती में बिना भेदभाव के अन्त्योदयी विकास कर जनता को लाभान्वित किया गया वही गहलोत सरकार बदले की भावना से कार्य कर जनता को गुमराह कर रही है।