BSF के रणबांकुरों के साथ DM और संसदीय सचिव ने MJSA में बहाया पसीना

यूं तो मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान( MJSA) से राज्य भर में फायदा हो रहा है लेकिन बीकानेर जैसे मरुस्थली जिलों में ये अभियान वरदान साबित हो रहा है। जिले में बेहतर प्रयासों के लिए जयपुर में आयोजित कार्यशाला में कलक्टर एनके गुप्ता का सम्मान भी हुआ। आज ग्रामीणों के साथ कलक्टर गुप्ता, संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल और BSF के रणबांकुरों ने भी इस अभियान में श्रमदान किया।

बीकानेर के  भानीपुरा के आगुणा बास स्थित तलाई पर आज सैकड़ों लोगों ने श्रमदान करते हुए बूंद-बूंद बरसाती जल के संरक्षण का संकल्प लिया। प्रातः 7 बजे से ही गांव में उत्सव का माहौल दिखा। पांच-सात किलोमीटर दूर से ग्रामीण टोलियों के रूप में पक्के जोहड़ के पास पहुंचे और कुल्हाड़ी-तगारी लेकर जोहड़ से मिट्टी निकालनी शुरू कर दी। महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में इस पुनीत यज्ञ में भागीदारी निभाई तो संसदीय सचिव डाॅ. विश्वनाथ मेघवाल और जिला कलक्टर डाॅ. एनके गुप्ता के नेतृत्व में बीएसएफ, आरएसी और पुलिस के जवानों ने जल संरक्षण के इस महत्ती अभियान में जमकर पसीना बहाया। इस मौके पर पर संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल  ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान को पीढ़ियां याद रखेंगी। उन्होंने एमजेएसए को जनसहभागिता का आंदोलन बताते हुए कहा कि पूरे देश में इस अभियान की सराहना हुई है। सच भी है  बरसाती जल संरक्षण हमारी परम्परा रही । जब से हमने इस परम्परा का निर्वहन कम किया, हमारे सामने गंभीर जल संकट पैदा हो गया। बीकानेर में MJSA के पहले दो चरणों के सुनहरे परिणाम सामने आए हैं। चयनित गांवों में जल भंडारण क्षमता बढ़ी है।  बीकानेर में भी टांका निर्माण के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्यों की बदौलत जिले को राज्य स्तर पर पुरस्कार मिला। आइए डालते है बीकानेर में MJSA पर एक नजर…..

कार्य               राशि               गांव 

प्रथमचरण-  3707       5360.92लाख  19

द्वितीय चरण- 3782     4964.37लाख   26

तृतीय चरण – 4712     5779.30लाख  36

श्रमदान के दौरान कलक्टर डाॅ. एनके गुप्ता ने कहा कि एमजेएसए ने राज्य के 12 हजार से अधिक गांवों को जल संरक्षण ढांचों की सौगात दी है। जिले में भी सरकार के निर्देशानुसार अभियान का क्रियान्वयन किया गया है। तीनों चरणों में अनेक तलाईयों को नया रूप प्रदान किया गया है। गांव-गांव में बड़ी संख्या में टांके बने हैं। इनसे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के कार्य 30 जून तक पूरे कर लिए जाएंगे तथा सितम्बर में चौथा चरण शुरू हो जाएगा।

इस दौरान सीमा की सुरक्षा में जुटे रहने वाले बीएसएफ जवानों और अधिकारियों ने भी जल संरक्षण के इस पुनीत कार्य में पसीना बहाया।BSF 157 बटालियन के कमांडेट जयकरण का कहना था कि सीमा सुरक्षा बल, सीमाओं की सुरक्षा के अलावा जल संरक्षण के कार्यों में सदैव भागीदार रही है। बीएसएफ द्वारा परम्परागत जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संर्वधन की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान बहुत हद तक  मरुस्थली इलाको में पानी की समस्या को दूर करने में कारगार साबित होगा।

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