भाजपा सरकार में टूटी भुजिया-पापड़ उद्योग की कमर : मक्खन अग्रवाल

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Bikaner / thenews.mobilogicx.com

पूरे विश्व में नमकीन के स्वाद में अपनी पहचान बनाने वाले बीकानेर के भुजिया-पापड़ उद्योग की कमर भाजपा सरकार के चलते टूट गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार की गलत रीतियों-नीतियों ने बीकानेर के इस उद्योग को डाउन कर दिया है।

भुजिया-पापड़ मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के मक्खन अग्रवाल ने बताया कि तीन हजार करोड़ सालाना टर्न ओवर वाले इस उद्योग के लिए सरकार ने कोई भी विशेष प्लानिंग और न ही किसी भी तरह की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही। इन सबसे अलग जीएसटी व नोटबंदी का खामियाजा भी इस बड़े उद्योग को उठाना पड़ा। प्रोडेक्ट की मेंडेट्री जांच के लिए प्रयोगशाला बीकानेर में नहीं, जांच के लिए दिल्ली-मुम्बई नगरों में जाना पड़ता है।

अग्रवाल ने बताया कि ढाई हजार से अधिक फैक्ट्रियां बीकानेर में संचालित होती है और साढ़े तीन लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग से रोजगार प्राप्त करते हैं। इनमें दो लाख तो महिलाएं हैं, जिन्हें रोजगार मिलता है। हालात यह है कि बीकानेर के लाखों लोगों का परिवार जिस उद्योग के सहारे चल रहा है वही उद्योग आज संकट की स्थिति में है। फूड प्रोसेसिंग हब का वादा करने वाली भाजपा सरकार से उम्मीदें काफी थी लेकिन बीकानेर के इस बड़े उद्योग के लिए खरी साबित नहीं हो सकी।

व्यापार उद्योग मंडल के उपाध्यक्ष विष्णु पूरी कहते हैं कि मक्खन की अग्रवाल बात तो सही है लेकिन मोदी मैजिक के सामने सब फीका है, दूसरी तरफ उद्योग मंडल के सहसचिव विनोद भोजक मानते हैं कि भाजपा ने ज्यादा काम नहीं किया खासतौर पर उद्योग व्यापार जगत में जीएसटी और नोटबंदी से नुकसान हुआ है।

 

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