राजनीति से जुड़े लोगों के मुताबिक यह स्थिति तो टिकट वितरण से पहले की है, असली खींचतान और विरोध प्रदर्शन टिकट वितरण के बाद सामने आएंगे।
बीकानेर। प्रदेश भाजपा में टिकटों को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओ के विरोध प्रदर्शन टिकट वितरण से पहले ही शुरू हो गए हैं। जयपुर में सरकार के एक मंत्री और दो मौजूदा विधायकों के खिलाफ भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इससे पहले कोर कमेटी की बैठकों के दौरान भी विरोध प्रदर्शन सामने आ चुके हैं।
टिकट वितरण से पहले ही विरोध होने पर राजनीति से जुड़े लोगों में चर्चा गहराने लगी है कि प्रत्याशियों की घोषणा के बाद यह विरोध कई गुणा और भी बढ़ जाएगा। हालांकि पार्टी के आला नेताओं ने डेमैज कन्ट्रोल के लिए प्रदेश के नेताओं को जिम्मेदारियां सौंप दी है लेकिन राजनीति में हर एक की महत्वकांक्षाएं उम्मीद से ज्यादा होने की वजह से विरोध का पलड़ा भी बहुत भारी होगा।
प्रदेश में इस बार भाजपा के लिए टिकट वितरण की कवायद आसान नहीं रहने वाली है और इस बात के संकेत लगातार मिल रहे हैं। अभी टिकट वितरण हुआ नहीं है और इससे पहले ही मौजूदा विधायकों, मंत्रियों और सम्भावित प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो चुका है।
पार्टी की ओर से सीटवार की गई रायशुमारी के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के साथ ही करीब 2 दर्जन विधायकों के खिलाफ अब तक नाराजगी सामने आ चुकी है। वहीं पार्टी स्तर पर कराए गए तमाम सर्वे के दौरान भी कई विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ताओं और जनता की नाराजगी सामने आ चुकी है।
सरकार के मंत्री हेम सिंह भड़ााना, ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत, अनूपगढ़ से विधायक शिमला बावरी के खिलाफ कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने भाजपा मुख्यालय पहुंचे। इन लोगों ने पार्टी मुख्यालय में मौजूद प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी और अन्य पदाधिकारियों को अपनी मांग के समर्थन में ज्ञापन भी दिया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह स्थिति तो अभी टिकट वितरण से पहले की है। असली खींचतान और विरोध प्रदर्शन टिकट वितरण के बाद सामने आएंगे।
राजनीति से जुड़े लोगों के मुताबिक भाजपा अपने सौ से ज्यादा विधायकों को इस बार घर बैठा कर नए चेहरों को तवज्जों देने की कोशिश में हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान आने वाले तीन से चार दिनों में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं करेगा।
नामांकन शुरू होने के बाद पहले उन प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है जिन पर कोई विवाद नहीं है और उनकी सीट पर वे अकेले ही दावेदार हैं। इसके बाद विवादास्पद या तीन से ज्यादा दावेदारों वाली सीटों पर उम्मीद्वारों की घोषणा नामांकन भरने के अंतिम दिन से एक या दो दिन पहले ही किए जाने की संभावना है।