डमी प्रवेश के खिलाफ 7 दिन का अल्टीमेटम… देखें वीडियो

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कोचिंग संस्थानों के एडजस्टमेंट खेल व स्कूलों द्वारा डमी प्रवेश को लेकर प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) की ओर से स्टेशन रोड स्थित होटल राजमहल में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।

पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि ‘स्वच्छ शिक्षा अभियान’ के माध्यम से त्रिस्तरीय मुहिम द्वारा सरकार, शिक्षा विभाग और आम जनता में जागरूकता लाने के सार्थक और सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।

खैरीवाल ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि 7 दिनों तक डमी प्रवेश तथा अवैधानिक कार्य करने वाले संस्थानों से समझाइश की जाएगी। सात दिन के इस अल्टीमेटम के बाद भी यदि उक्त कार्य संचालित होते पाए गए तो कड़ी कार्रवाई का रूख अपनाया जाएगा।

इस मिशन में निभाएंगे सहभागिता

शिक्षाविद् घनश्याम साध ने बताया कि निजी स्कूलों के राष्ट्रीय संगठन ‘निसाÓ ने भी इस मुहिम में सहभागी बनने की घोषणा की है। निजी स्कूलों के राज्य स्तरीय संगठनों स्कूल क्रांति संघ, जयपुर, सेवा संघ, जयपुर, राजस्थान प्राइवेट एज्यूकेशन एसोसिएशन, अजमेर तथा स्वराज, भरतपुर द्वारा इस अभियान में हर तरह के सहयोग का विश्वास जताया गया है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम के तहत स्कूल और कोचिंग सेंटर में सरकार के भेदभाव को उजागर कर शिक्षा बचाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

नहीं चलेगा एडजस्टमेंट का खेल

संवित् शिक्षण संस्थान के डॉ. अभय सिंह टाक ने बताया कि दूसरी मुहिम के अंतर्गत अवैधानिक काम में लिप्त स्कूल्स के संचालकों को समझाकर अवैधानिक काम बंद करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और नहीं मानने वाले स्कूल्स की अवैधानिक गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को जाग्रत करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही कुछ सरकारी स्कूलों द्वारा भी कोचिंग सेंटर्स के साथ किए जाने वाले एडजस्टमेंट के खेल को उजागर किया जाकर ऐसे स्कूल्स के संस्था प्रधानों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई हेतु सरकार और शिक्षा विभाग को चेताया जाएगा। डॉ. अभय सिंह ने बताया कि इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण मुहिम अभिभावक-चेतना का है, जिसके तहत अवैधानिक काम में लिप्त शिक्षा माफियाओं से बचने और अवैधानिक काम करने वाले स्कूल्स और कोचिंगस् में बच्चों को पढाने के खतरों से सावधान किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं और इसी सप्ताह मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, प्रमुख शिक्षा शासन सचिव, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) एवम् निदेशक (प्रारंभिक शिक्षा) को ज्ञापन दिया जाएगा और वार्ता कर इस संबंध में वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाकर आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी कोशिश की जाएगी।

कोचिंग के लिए कोई कानून नहीं…

पैपा प्रदेश समन्वयक खैरीवाल ने कहा कि यदि बिना मान्यता प्राप्त किए स्कूल नहीं खुल सकते हैं तो फिर गैर मान्यता प्राप्त कोचिंग क्यों और किसकी शह पर धड़ल्ले से चल रहे हैं? एक निजी स्कूल शुरू करने के लिए अनगिनत औपचारिकताएं पूरी कर सरकार के नियमानुसार मान्यता प्राप्त करनी होती है लेकिन कोचिंग सेंटर के लिए कोई भी नियम कानून नहीं है जबकि दोनों ही संस्थाओं द्वारा शिक्षण का काम किया जाता है लेकिन सरकार द्वारा निजी स्कूलों पर तरह तरह से नियंत्रण किया जाता है जबकि स्वयंभू कोचिंग क्लासेज पूर्ण रूप से स्वच्छंद और स्वायत्त है। उन्होंने कहा कि सरकार की कुंभकर्णी नींद या लालफीताशाही के कारण शिक्षा माफियाओं द्वारा समानांतर चलाये जा रहे अवैध कोचिंग क्लासेस रूपी पैरलर स्कूल्स पर नियंत्रण का सरकार के पास नियम होते हुए भी सरकार और विभाग आंखें मूंदे हुए हैं। सरकार और विभाग को इसकी सभी तरह की जानकारी होने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लेना इन अवैधानिक शिक्षा माफियाओं के हौंसले बढ़ा रहे हैं।

चलाएंगे स्वच्छ शिक्षा अभियान

रमेश बालेचा ने बताया कि स्कूल्स आरटीई और फीस एक्ट के कारण कम और अवैध कोचिंग क्लासेज के कारण ज्यादा बंद हो रही हैं। उन्होंने अभिभावकों में जागरूकता मुहिम के बारे में बताते हुए कहा कि पैपा द्वारा पेंपलेट, विज्ञापन और अन्य माध्यम से वैध और अवैध स्कूलों और कोचिंग सेंटर्स के बारे में जन चेतना के आयाम किए जाएंगे। खैरीवाल ने बताया कि शिक्षा बचाओ अभियान के तहत सबसे पहले उन स्कूल्स को जागरूक किया जाएगा जो अवैधानिक काम में लिप्त हैं और जिनकी वजह से सभी स्कूलों को गलत समझा जा रहा है। यदि इसके बाद भी ऐसे स्कूल्स अवैधानिक काम करेंगे तो उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए शिक्षा अधिकारियों को जाग्रत किया जाएगा।

अवैधानिक कृत्यों पर कसेंगे लगाम

अमिताभ हर्ष ने बताया कि स्कूल्स अपनी प्राप्त मान्यता स्तर से उच्च स्तरीय कक्षाओं का संचालन करते हैं, अवैध काम है। जो स्कूल ऐसे स्कूल्स और कोचिंगस् के बच्चों के डमी प्रवेश अपनी स्कूल में करते हैं जो उनकी स्कूल में नहीं पढते हैं, अवैधानिक है। बिना मान्यता का स्कूल संचालन करना अवैधानिक कृत्य है। जिस मीडियम में स्कूल को मान्यता मिली हुई है, उसी मीडियम में ही स्कूल संचालन किया जा सकता है, यदि कोई स्कूल द्वारा हिन्दी मीडियम की मान्यता के साथ साथ सरकार की बिना अनुमति के अंग्रेजी मीडियम का संचालन किया जाता है तो यह अवैधानिक कृत्य है। क्लास जम्प करवाना और बिना टीसी प्रवेश दिया जाना भी अवैधानिक कृत्य हैं।

निजी स्कूलों के बदतर हालात

प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रभूदयाल गहलोत ने बताया कि आज प्रदेश में लगभग 45 हजार निजी स्कूलों में तकरीबन एक करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं और लगभग सात लाख से अधिक शैक्षणिक और अन्य कर्मचारियों को रोजगार इन स्कूलों में मिला हुआ है। गहलोत ने बताया कि सरकारी शिक्षण संस्थाओं में एक स्टूडेंट पर 35 से 40 हजार रुपये का खर्च आ रहा है जबकि निजी स्कूलों में तीन हजार रुपए से दस हजार रुपये में बहुत बेहतरीन और उत्कृष्ट शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा प्रत्येक निजी स्कूल द्वारा समाज के विभिन्न अत्यंत जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज में निजी स्कूलों के योगदान को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।

टीसी रीलिज सम्बन्धी शिकायतों के लिए बने प्रकोष्ठ

कृष्ण कुमार स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियमों का दुरुपयोग धड़ल्ले से हो रहा है और इसी वजह से हर स्कूल की लगभग पच्चीस प्रतिशत फीस डूब रही है। कुछ चालाक और धूर्त अभिभावक सैंकड़ों बहाने बनाकर साल भर फीस जमा नहीं कराते हैं और बाद में सीधे विभाग और प्रशासन को शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे की टी सी दिलाई जाए। अधिकारी सब सच्चाई जानते हुए भी संबंधित स्कूल वाले को शीघ्रता से टी सी रीलिज करने के लिए कहते हैं। यदि ऐसा ही होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब निजी स्कूलों को फीस के लाले पड़ जाएंगे और धीरे-धीरे स्कूलें बंद होने लगेगी। इसलिए हम चाहते हैं कि जिला कलक्टर के निर्देशन में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, दोनों जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक व प्रारंभिक) पत्रकार प्रतिनिधि, अभिभावक प्रतिनिधि, सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्रतिनिधि, सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के संगठनों के प्रतिनिधि एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि इत्यादि को सम्मिलित कर एक शिक्षा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से प्राप्त शिकायत की समुचित जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी तो फीस संबंधित शिकायतें आनी ही बंद हो जाएंगी। प्रेसवार्ता में तरविंद्रसिंह कपूर, अशोक उपाध्याय, हरविंद्र सिंह कपूर आदि गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के संचालक उपस्थित रहे।

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