हक के लिए भटक रही बेवा, अधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद

विद्युत प्रसारण निगम ने नौ साल से अटका रखा है भुगतान

बीकानेर। प्रदेश मे एक तरफ तो महिला उदारीकरण को लेकर बहुत सी योजनाएं, अभियान और कार्यक्रम सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार के नुमाइन्दें ही महिलाओं के साथ नाइंसाफी (Bevaa wandering) करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राराविपीएनएल (राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड) में देखने को मिल रहा है।

दरअसल, राराविपीएनएल पूगल जीएसएस में कार्यरत हैल्पर विनोद कुमार भार्गव का देहान्त 19 अगस्त-2009 को हो गया था। मृतक की विधवा और उसकी बेटी मुन्नी देवी प्रथम वर्ग जायज कानूनी वारिसान थे। जिन्हें मृतक के सेवा परिलाभों का भुगतान विभाग की ओर से दिया जाना था। इस बीच किसी अन्य महिला ने मृतक के उत्तराधिकारी के रूप में स्वयं को पेश कर परिलाभ के भुगतान पर दावा जता दिया। मामला न्यायालय में पहुंच गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बीकानेर की अदालत में विभाग के अधिवक्ता और अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों का राजीनामा हो गया। बावजूद इसके पीडि़ता इंदिर देवी को विभाग की ओर से उसके पति की सेवा के परिलाभों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीडि़ता इंदिरा देवी पिछले कई वर्षों से विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर है, लेकिन विभाग के अधिकारियों का मन शायद नहीं पिघला है।

सिस्टम से परेशान हुई इंदिरादेवी ने अब मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा और आरआरवीपीएनएल के संयुक्त निदेशक को पत्र भेज कर न्याय दिलवाने की गुहार लगाई है।

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