30 नदियों के जल से सरदार पटेल की प्रतिमा का अभिषेक

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ आमजन को समर्पित

पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंत्रोच्चार के बीच स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर 30 नदियों का जल अर्पित किया और पूजा की। लोगों को सम्बोधित करने के बाद पीएम मोदी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए गए।

अहमदाबाद। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 143वीं जयंती पर उनकी नवनिर्मित 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिय़ा में अनावरण किया।

इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भर भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरा। वायुसेना के विमानों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को सलामी भी दी।

इस दौरान पीएम नेे कहा कि अगर सरदार न होते तो सोमनाथ मंदिर और गिर के शेरों और हैदराबाद की चारमीनार को देखने के लिए वीजा लेना पड़ता। पीएम ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर लिए कहा कि कुछ लोग इस मुहिम को राजनीति के चश्मे से देखते हैं। महापुरुषों को याद करने के लिए भी हमारी आलोचना की जाती है।

पीएम ने कहा कि आज वो पल है जो किसी भी राष्ट्र के इतिहास में दर्ज हो जाता है और उसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है। आज का ये दिवस भी भारत के इतिहास के ऐसे ही कुछ क्षणों में से महत्वपूर्ण पल है।

भारत की पहचान, भारत के सम्मान के लिए समर्पित एक विराट व्यक्तित्व का उचित स्थान का एक अधूरापन लेकर आजादी के इतने वर्षों तक हम चल रहे थे। आज धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मुझे प्रतिमा निर्माण के लिए लोहा अभियान के दौरान मिले लोहे का पहला टुकड़ा भी मिला है। मैं गुजरात के लोगों के प्रति कृतज्ञ हूं। मैं इन चीजों को यहीं पर छोडूंगा ताकि इन्हें यहां के म्यूजियम में रखा जाए और लोग इन्हें याद रखें।

मुझे वो दिन याद आ रहे हैं जब देशभर के गांवों से किसानों से मिट्टी मांगी गई थी और खेती में इस्तेमाल किए गए पुराने औजार दानस्वरूप देने को कहा गया था तो किसानों ने इसे एक जनआंदोलन रूप में लिया। सैंकड़ों मिट्रिक टन लोहा इस प्रतिमा के लिए मिला था।

इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे।

 

 

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