एडीएम सिटी के आश्वासन पर माने प्रदर्शनकारी, उठाया प्रसूता का शव

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निजी क्लीनिक की महिला चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही के आरोप

बीकानेर। मरुधरा कॉलोनी स्थित निजी क्लीनिक की चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते हुए पीबीएम परिसर स्थित मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे मृतक प्रसूता के परिजनों ने एडीएम सिटी शैलेन्द्र देवड़ा के आश्वासन के बाद शव उठा लिया।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को प्रसूता सुशीला की जयपुर के एक निजी हॉस्पीटल में मौत हो गई थी। वह 21 मई की रात से वहां कोमा की हालत में भर्ती थी। सात दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष करने के बाद इलाज के दौरान उसकी सांसें थम गईं थी। मामला पहले से ही थाने में दर्ज होने की वजह से जयपुर से शव को यहां मोर्चरी में भेज दिया गया था। जिसके बाद मृतक प्रसूता के परिजनों ने यहां की निजी क्लीनिक की महिला चिकित्सक पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर धरना दे रखा था।
 मंगलवार सुबह एडीएम सिटी शैलेन्द्र देवड़ा मौके पर धरनार्थियों से वार्ता करने के लिए पहुंचे और कुछ देर तक चली वार्ता के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वार्ता में एडीएम सिटी के साथ सीओ सदर राजेन्द्रसिंह, देहात कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत भी मौजूद थे।
ये था मामला
जेएनवी कॉलोनी निवासी बजरंगलाल सुथार पुत्र बाबूलाल सुथार की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके भाई मांगीलाल की पत्नी के प्रसव होने को था। जिस पर उसे मरुधरा कॉलोनी स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। वहां विशेषज्ञ महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन की सलाह दी और ऑपरेशन के जरिए उसका प्रसव तो करवा दिया। आधा घंटे बाद शिशु उन्हें दिखाकर नर्सरी में भेज दिया लेकिन प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर से बाहर नहीं निकाला। दोनों भाई मांगीलाल और श्यामसुन्दर ने महिला चिकित्सक से प्रसूता के बाहर निकालने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि एनेस्थिसिया विशेषज्ञ और फिजिशीयन को बुलाया है। ऑपरेशन से पहले वह नहीं आए थे तो मैने ही एनेस्थिसिया दिया था। गलती से प्रसूता को एनेस्थिसिया कुछ ज्यादा दे दिया है, चिंता वाली बात नहीं है। कुछ देर बाद वहां कई चिकित्सक आए और उन्होंने प्रसूता की जांच की। बाद में महिला चिकित्सक ने माफी मांगते हुए प्रसूता को दूसरे संस्थान में ले जाने को कहा। महिला चिकित्सक को रुपए देने पर एम्बूलेंस की व्यवस्था निजी क्लीनिक की ओर से की गई और प्रसूता को उस दौरान ऑपरेशन थिएटर से बेहोशी की हालत में निकाला और वैसे ही जयपुर ले जाया गया। जहां सोमवार को उसकी सांसें थम गई थी। रिपोर्ट में महिला चिकित्सक के साथ निजी क्लीनिक के अन्य स्टाफ पर भी आरोप लगाए गए थे।

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