एसीबी एक्शन में, भ्रष्टाचारियों की उड़ी नींद

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Bikaner / thenews.mobilogicx.com

बीकानेर में भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो काफी सक्रिय दिखाई दे रहा है। गत कुछ समय से एसीबी द्वारा एक के बाद एक किए जा रहे ट्रेप से भ्रष्टाचारियों की नींदें उड़ गई हैं।

हाल ही में नोखा सीओ को रिश्वत लेते रंगों हाथों पकड़ा गया था। परिवादी ने एसीबी में नोखा के सीओ महमूद के खिलाफ दहेज व हत्या के मामले को रफा दफा करने के लिए रिश्वत के 50 हजार रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। इस पर सत्यता को जांचने के बाद एसीबी के रजनीश पुनिया के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए सीओ महमूद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगों हाथ पकड़ा गया।

इससे पूर्व एसीबी एडिशनल एसपी रजनीश पूनिया के नेतृत्व में ही आवासन उपायुक्त राज सिंह और लेखा अधिकारी नीलकंठ पुरोहित को एक ठेकेदार से बिल पास करने की एवज में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। बीकानेर की पटेल नगर स्थित आवासन उपायुक्त राज सिंह के मकान पर एसीबी ने यह कार्रवाई की और इस दौरान आवासन उपायुक्त राज सिंह और लेखाधिकारी नीलकंठ पुरोहित अपने अपने हिस्से की रिश्वत की राशि ठेकेदार से ले रहे थे। उक्त बड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में हड़कम्प मच गया था।

वहीं खाजूवाला कस्बे की राजकीय औद्योािगक प्रशिक्षण केन्द्र आईटीआई के प्राचार्य देवेन्द्र कुमार मिश्रा को एसीबी की बीकानेर टीम ने एक हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। वह प्रशिक्षण केन्द्र में संविदा पर तैनात अनुदेशकों के वेतन बिल भुगतान करने की एवज में रिश्वेत की मांग रहा था। एसीबी की टीम ने उसके राजकीय आवास पर भी तलाश शुरू कर दी। खाजूवाला आइटीआई कॉलेज का अधीक्षक एवं कार्यवाहक प्राचार्य देवेन्द्र कुमार मिश्रा पिछले लंबे अर्से से रिश्वतखोरी में लिप्त था। कॉलेज के अनुदेशक (संविदाकर्मी) मुकेश बालान और मोहनलाल मेघवाल ने शिकायत दर्ज कराई थी।

एसीबी के एएसपी पूनिया की बड़ी ट्रेप कार्रवाई में करोड़ों के मालिक तहसीलदार जयदीप मित्तल भी था जिसे खेत की जमीन के खाता विभाजन का रिकॉर्ड सुधारने की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। एसीबी की टीम को उसके सरकारी प्लॉट से लाखों रुपए नकद, सोने-चांदी के जेवरात व जमीनों के कागजात मिले। तहसीलदार जयदीप के पास से पांच लाख 13 हजार रुपए नकद, 150 ग्राम सोने के आभूषण, 5 किलो चांदी, श्रीगंगानगर में दो प्लॉट के कागजात बरामद हुए थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो एसीबी के धमाकों से भ्रष्ट अधिकारियों की फिलहाल हालत पतली बताई जा रही है।

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