राजस्थान में सुस्त पड़े मानसून की हलचल एक बार फिर से शुरू होने के आसार दिख रहे हंै। मौसम विभाग की मानें तो राजस्थान में मानसूनी बादल लगभग पूरे प्रदेश में पहुंच चुके हैं और अब इनके 12 जुलाई बाद से एक बार फिर से सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक 12 जुलाई बाद से कई राज्यों में बारिश के आसार हैं। वहीं 12 जुलाई तक उत्तराखंड के सात जिलों नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में मौसम विभाग भारी बारिश का अलर्ट जारी कर चुका है।
वहीं प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर मौसम ने पलटा खाया है। यहां आंधियों का दौर फिर से शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहर के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीकानेर, जैसलमेर सहित आसपास के जिलों में चल रही आंधियां बारिश की राह में रोड़ा बनी हुईं हंैं। आंधियों के कारण महिलाएं घरों की सफाई करते परेशान हो रही है, वहीं व्यापारियों को सामान के रख-रखाव में परेशानी हो रही है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ मार्गों पर रेत जमा होने से राहगीरों व वाहन चालकों की परेशानियां बढ़ गई है। आंधी के साथ ही गुरूवार को सुबह से ही चिलचिलाती धूप ने हर किसी को बेहाल करना शुरू कर दिया। दोपहर में चौराहों व मुख्य मार्गों पर सन्नाटा पसरा नजर आया। दोपहर बाद बढ़ी आधियों की गति ने दुपहिया वाहन चालकों की परेशानियों को बढ़ा दिया।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
अगर मौसम विभाग की मानें तो अजमेर, अलवर, बूंदी, चित्तौडगढ़़, दौसा, सवाई माधोपुर, सीकर आदि जिलों में 12 जुलाई से बारिश के आसार हैं। इसके लिए मौसम विभाग पहले ही अलर्ट भी जारी कर चुका है। वहीं राजधानी जयपुर में मानसून सुस्त पड़ी रफ्तार ने एक बार फिर से तापमान और उमस को बढ़ा दिया है। जिससे लोग परेशान परेशान होने लगे हैं और बारिश की राह देखते नजर आ रहे हैं।
मानसून का दूसरा चरण
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमीयुक्त हवाएं राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में पहुंच रही हैं। ऐसे में अंचल में मानसून का दूसरा चरण आज शुक्रवार के बाद सक्रिय होने के आसार नजर आ रहे हंै। मौसम एवं भूगोल विशेषज्ञ प्रो नरपतसिंह राठौड़ ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से जारी सेटेलाइट इमेज के अनुसार अभी पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर जिलों में बादल छाए हुए हैं, ऐसा नम हवाओं एवं कुछ हिस्सों में हो रही बारिश के कारण है। बुधवार शाम तक मानसून मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दक्षिणी गुजरात और महाराष्ट्र में सक्रिय था। वागड़ में मानसून का पहले चरण में हवा चलने के कारण देरी से शुरू हुआ था। अब दूसरे चरण में भी हवाएं बाधा बन गई। हालांकि अब हवाओं का रूख बदला दिखाई पड़ रहा है लेकिन मानसून के सामान्य रहने की संभावना भी है।