Sunita Bhojak/thenews.mobilogicx.com
महानगरेां के साथ, शहर व गांव सभी जगह अपनी पहुंच बनाए मोबाइल का नशा अब नियंत्रण से बाहर हो गया है। शोध के मुताबिक नींद लेने के अलावा 15 मिनट से अधिक देर तक मोबाइल के बिना लोग नहीं रह सकते।
कब करते हैं चैक
यदि 20-30 मिनट में कोई कॉल नहीं आती तब मोबाइल चैक करते हैं।
कोई भी एसएमएस अथवा वाट्सएप या मैसेंजर का अलर्ट आए तो चैक करते हैं।
मोबाइल गुम हो जाने का या कहीं भूल जाने का डर रहता है इसलिए जेब संभालते रहते हैं।
कभी कभी कानों में मोबाइल रिंगटोन सुनाई देती है तब मोबाइल चैक करते हैं जबकि वह बज नहीं रहा।
फेसबुक पर जैसे ही कोई नोटिफिकेशन आया, दो-तीन मिनट फेसबुक टाइम्सलाइन और चैक करने में लगा देते हैं।
वाट्सएप, गेम्स, टिकटोक के साथ आजकल वाट्सएप स्टेटस में लोग फिजूल में बिजी रहते हैं।
क्या होना चाहिए
शोधकर्ता मानते हैं कि मोबाइल टेक्नोलॉजी का जमाना है। देश-विदेश गांवों की दूरियों को समाप्त किया है। लेकिन लत लगना बुरी बात है। मीडिया अथवा किसी अन्य कार्य से जुड़े लोगों को मोबाइल का उपयोग करना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए कुछ सावधानियां अपनाई जा सकती हैं। जैसे हर 15 मिनट के बजाय आप हर एक घंटे बाद मोबाइल को चैक करें और वो भी पांच मिनट की समय सीमा के अंदर। दूसरा तरीका यह भी हो सकता है कि जब तक आवश्यकता न पड़े मोबाइल को चैक न करें। रात को सोते समय और सुबह उठते ही हरगिज मोबाइल न चलाएं। मोबाइल पर गेम्स, पिक्चर आदि न देखें।